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जिनेवा, कोरोना वायरस के खिलाफ पूरी दुनिया में लड़ाई लड़ी जा रही है। इसकी स्थिति को संभालने में विफल रहने के आरोप झेल रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को एक नए फाउंडेशन का ऐलान किया है। इस फाउंडेशन के तहत किसी महामारी से निपटने के लिए फंडिंग इक_ी की जाएगी, जिसमें न सिर्फ बड़े देशों बल्कि आम लोगों से भी मदद ली जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने फंड जुटाने के लिए एक फाउंडेशन का ऐलान किया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह एक स्वतंत्र संगठन होगा, जिसमें मौजूदा तरीकों से अलग हटकर फंडिंग को जुटाया जाएगा। इस फाउंडेशन के तहत किसी भी महामारी से निपटने के लिए फंडिंग जुटाया जाएगा जिसमें एक आम आदमी भी फंड दे सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, यह संस्था कोविड-19 को खत्म करने के लिए किए गए डब्ल्यूएचओ के प्रयासों में सहयोग भी करेगी। इसके अलावा इस तरह की महामारी से लडऩे में आर्थिक रूप से डब्ल्यूएचओ को सपोर्ट करेगी।
बता दें कि अमेरिका ने कोरोना वायरस की जांच में लापरवाही को लेकर डब्ल्यूएचओ को फंड ना देने का ऐलान किया था। इस दौरान डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने कहा है कि इस नए फाउंडेशन का अमेरिका के फंड वाले मामले से कोई लेना-देना नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि फाउंडेशन बनाने की योजना पर काफी वक्त से काम चल रहा था।
बुधवार को जिनेवा से वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने कहा कि इस फाउंडेशन को बनाने का प्रस्ताव 2018 के फरवरी माह से ही लंबित था। उन्होंने कहा कि इसे फाउंडेशन को अधिकारिक तौर पर लॉन्च करते हुए बड़ी खुशी हो रही है। इस मौके यह भी बताया गया है कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन शुरुआत में इमर्जेंसी व महामारी के प्रति रेस्पॉन्स के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के लिए फंड जुटाकर इसे वितरित करने पर फोकस करेगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों ही डब्ल्यूएचओ की ओर से बयान दिया गया था कि उसका मौजूदा बजट 2.3 बिलियन डॉलर है, जो वैश्विक संस्था के हिसाब से काफी कम है। इसके अलावा अमेरिका की फंडिंग रुक गई है, इसलिए हमें अधिक फंडिंग की जरूरत है। अमेरिका के दबाव के बाद कई अन्य देशों ने भी डब्ल्यूएचओ में बदलाव की अपील की है, साथ ही चीन के खिलाफ एक्शन की मांग की है। आरोप है कि डब्ल्यूएचओ को कोरोना वायरस के बारे में दिसंबर में पता था, लेकिन उसने दुनिया को आगाह नहीं किया था।