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बच्चों को किस उम्र से खिलाएं रसीला फल तरबूज

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बच्चों को हर चीज खिलाने की एक उम्र होती है जैसे कि 6 महीने तक शिशु केवल मां का दूध पीना शुरू करता है और फिर इसके बाद धीरे-धीरे उसे ठोस आहार दिया जाता है। बच्चों के सही विकास के लिए उन्हें फल-सब्जियां भी दी जाती हैं और गर्मियों में तो कई तरह के फल आते हैं जो शिशु को अनेक पोषक तत्च प्रदान कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है तरबूज।
वैसे तो गर्मी का रसीला फल तरबूज बच्चों के लिए फायदेमंद माना जाता है लेकिन बच्चों के तरबूज खिलाना शुरू करने से पहले आपको ये जान लेना चाहिए कि किस उम्र से शिशु को तरबूज खिलाना सही रहता है।
बच्चे किस उम्र से खा सकते हैं तरबूज
तरबूज में 90 फीसदी से ज्यादा पानी होता है और इसलिए शरीर में पानी की कमी होने से रोकने के लिए तरबूज सबसे अच्छा फल है। आप शिशु को 6 महीना का होने के बाद तरबूज खिला सकते हैं। वहीं गर्मी में भी आप 6 महीने से आठ महीने के बच्चे को तरबूज खिलाना शुरू कर सकते हैं।
तरबूज के पोषक तत्व
तरबूज में पानी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, शुगर, एनर्जी, फाइबर, थियामिन, विटामिन बी6, विटामिन ए, विटामिन के, विटामिन सी, नियासिन, फोलेट, विटामिन ई, आयरन, फास्फोरस, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और सोडियम होता है। ये भी पोषक तत्व शिशु के विकास में मदद करते हैं।
बच्चों को तरबूज खाने के फायदे
यदि आप अपने बच्चे को तरबूज खिलाते हैं तो इससे उसे कई तरह के स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ मिलते हैं, जैसे कि :
*पानी की पूर्ति : गर्मी में शिशु के शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए तरबूज खिलाएं।
*विटामिन सी : जन्म के बाद के शुरुआती सालों में बच्चे के विकासमें विटामिन सी अहम भूमिका निभाता है। तरबूज में उच्च मात्रा में विटामिन सी होता है जो शिशु के इम्यून सिस्टम और आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
*विटामिन ए : आंखों, दांतों और त्वचा के लिए विटामिन ए बहुत जरूरी होता है। तरबूज में विटामिन ए प्रचुरता में पाया जाता है।
*हड्डियों की मजबूती : तरबूज में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के विकास और उन्हें मजबूती देने का काम करता है। कैल्शियम शिशु में हार्मोंस के सही स्राव के लिए भी जरूरी होता है।
*विटामिन बी कॉम्प्लेक्स : इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स भी है जो शिशु के शरीर के कई हिस्सों एवं तंत्र को लाभ पहुंचाता है। इसमें लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण और मेटाबोलिज्म का दुरुस्त होना शामिल है।
*पाचन में सुधार : तरबूज डायट्री फाइबर से युक्त होता है जो बच्चों के पाचन में सुधार कर कब्ज को रोकने में मदद करता है।
बच्चों को तरबूज खिलाने से नुकसान
बच्चों को तरबूज खाने से एलर्जी हो, ऐसा दुर्लभ ही देखा गया है। अगर आपका बच्चा बहुत सेंसिटिव है तो उसे तरबूज के एसिडिक होने के कारण स्किन पर रैशेज हो सकते हैं। इससे दस्त, नाक बहना और उल्टी भी हो सकती है। वहीं अगर तरबूज के बीज बच्चे के गले में अटक जाए तो उसका दम भी घुट सकता है।
गर्मी के मौसम में शिशु के शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है इसलिए बिना कोई देर किए अपने 6 महीने से बड़े बच्चे को तरबूज खिलाना शुरू कर दें।

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