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ऑनलाइन हुआ कलेक्ट्रेट, डीएम की तकनीकी पहल -कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने उठाया कदम

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लखनऊ। कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए सूबे की राजधानी का कलेक्ट्रेट परिसर भी अब आॅनलाइन हो गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली समीक्षा बैठकों से प्रेरणा लेकर डीएम लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने भी मंगलवार से समीक्षा बैठक आॅनलाइन शुरू कर दी है। उन्होंने मंगलवार को गूगल मीट के माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी से लेकर बीडीओ स्तर के अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।
गौरतलब है कि मंगलवार को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सभी अधिकारियों को नवीन तकनीकों का प्रयोग कर कार्य क्षमता को बढ़ाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने गूगल मीट के माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त, सभी अपर जिलाधिकारी-उप जिलाधिकारी-खण्ड विकास अधिकारियों के साथ शिविर कार्यालय से समीक्षा बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह अपने अपने कार्य क्षेत्र में निगरानी समितियों को सक्रिय रखें और कोई भी सिम्पटोमेटिक व्यक्ति पाये जाने पर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को देने के साथ ही क्वारंटाइन कराये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। गांवों में निगरानी के लिए मोहनलालगंज के गांव लालपुर का माडल सभी गांवों में लागू कराकर सीसीटीवी कैमरे, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से रोजगार सृजन कराना सुनिश्चित करें। मनरेगा के कार्यों में तेजी लाते हुए बारिश के पहले ही तालाब आदि का पुरूद्धार कार्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करें और गांवों में गिलोय, तुलसी, लेमन ग्रास आदि औषधीय पौधे लगवाए जाएं। रोजगार सृजन के लिए एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाए। पटरी दुकानदारों के रोजगार को बढ़ाने के लिए 10 हजार रुपए ऋण योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिलाया जाए। इस योजना में 01 वर्ष के अन्दर ऋण वापसी पर 7 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि विशेषकर धार्मिक स्थलों के बाहर व्यवसाय करने वाले फेरी दुकानदारों के रोजगार पर विशेष जोर दिया जाए और उन्हें रोजगार के अन्य विकल्पों से लाभान्वित कराया जाए। निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के लिए सीएसआर के माध्यम से इनोवेशन अपनाते हुए गोवंश जनित उत्पादों से जीवनोपयोगी वस्तुओं के उत्पादन व निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। जन-समस्याओं के निराकरण के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वर्चुअल जन सुनवाई का मैकेनिज्म बनाते हुए जल्द से जल्द लागू किया जाए, ताकि जन-समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ त्वरित निदान किया जा सके। शासकीय भूमियों का चिन्हांकन करते हुए उनका संरक्षण किया जाए और खण्ड विकास अधिकारी तहसील से समन्वय स्थापित करते हुए रिक्त पड़ी शासकीय भूमि को तालाब, उपवन इत्यादि के रूप में विकसित करे, ताकि मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार भी मिले और शासकीय भूमि को संरक्षित भी किया जा सके। शासकीय भूमियों पर कब्जा करने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध भू-माफिया संबंधी कार्यवाही की जाए और समुचित वैधानिक कार्यवाही करने के बाद भू-माफियाओं को जेल भेजना सुनिश्चित किया जाए। विशेषकर नगर निगम में सम्मिलित हुए 88 गांवों का सर्वे अति-शीघ्र कराते हुए विकास हेतु अपेक्षित कार्यवाही अविलम्ब की जाए। कोविड-19 के दृष्टिगत् लोगों को निजी स्वच्छता व मास्क के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग के विषय में जागरूक किया जाए और शासकीय कार्यालयों में भी कोविड-19 के लिये निर्धारित प्रोटोकाल का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। भूमि विवादों को तत्काल सम्बन्धित पक्षों से वार्ता कर निस्तारित किया जाए, ताकि विवाद बढ़ने न पाए और दबंगों पर नकेल कसी जाए। राजस्व न्यायालय भी शीघ्र खुलने वाले हैं। अत: राजस्व न्यायालयों में वाद की सुनवाई के दौरान कोविड प्रोटोकाल के अनुपालन कराये जाने हेतु सभी व्यवस्थायें पहले से ही सुनिश्चित कर ली जाएं।

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