[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
नैरोबी, बुरुंडी के राष्ट्रपति पिएरे नकुरुंजिजा का दिल का दौरा पडऩे के बाद निधन हो गया। वह 56 वर्ष के थे। बुरुंडी की सरकार ने कहा है कि नकुरुंजिजा का निधन दिल का दौरा पडऩे से हुआ। हालांकि कई लोगों को आशंका है कि राष्ट्रपति का निधन कोविड-19 के कारण हुआ है। सरकार ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति को तबियत बिगडऩे के कारण शनिवार रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह रविवार को बेहतर नजर आ रहे थे, लेकिन ”आश्चर्यजनक रूप सेÓÓ उनकी तबियत सोमवार सुबह अचानक बिगड़ गई। उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई घंटों तक चिकित्सकों ने प्रयास किया, लेकिन वे उन्हें बचा नहीं पाए। बुरुंडी की सरकार ने एक सप्ताह के शोक की घोषणा की है। नकुरुंजिजा का निधन ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ ही सप्ताह बाद निर्वाचित राष्ट्रपति एवारिस्टे नदायिशिमिये को देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करनी थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार का अगला कदम क्या होगा। बुरुंडी के लेखक डेविड गाकुंजी ने कहा, ”बुरुंडी के संविधान के अनुसार जब सत्ता के हस्तांतरण से पहले किसी राष्ट्रपति का निधन हो जाता है, तो संसद का अध्यक्ष सत्ता अपने हाथ में लेता है और फिर से चुनाव कराए जाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि नेतृत्व इस बात को नजरअंदाज करेगा और एवारिस्टे नदायिशिमिये को सत्ता सौंपेगा।ÓÓ सरकार के बयान के बावजूद बुरुंडी के कई लोगों का मानना है कि नकुरुंजिजा का निधन कोविड-19 के कारण हुआ। बुजुम्बुरा निवासी जस्टिन नयाबेंदा ने कहा, ”जब नकुरुंजिजा की कोविड-19 से संक्रमित पत्नी केन्या गई थी तो बुरुंडी में कई लोगों को इस बात का संदेह हुआ था कि राष्ट्रपति भी बीमार हैं। केन्या की मीडिया ने खबर दी थी कि नकुरुंजिजा की पत्नी डेनिस को मई के अंत में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण नैरोबी के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुरुंडी की सरकार ने संक्रमण को नजरअंदाज करते हुए चुनाव कराए थे और बड़ी चुनावी रैलियां की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रैलियों को लेकर चिंता व्यक्त की थी। चुनाव से कुछ ही दिन पहले देश में विश्व स्वास्थ्य संगठन के शीर्ष अधिकारी को निकाल दिया गया था। देश में संक्रमण के 83 मामले सामने आए हैं।