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नईदिल्ली, मोदी सरकार की तरफ से इस कोरोना काल में कारोबारियों को एक बड़ी राहत दी गई है। इस राहत के तहत उन ई-वे बिलों की वैधता 30 जून तक के लिए बढ़ा दी गई है, जो 24 मार्च से पहले निकाले गए हैं और उनकी वैधता 20 मार्च या उसके बाद खत्म हो गई है। बता दें कि पहले ये अवधि 30 अप्रैल तक के लिए बढ़ाई गई थी, फिर बाद में इसे 30 मई तक के लिए बढ़ाया गया और अब इसे 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने एक नोटिफिकेशन भी जारी करते हुए कहा है- 24 मार्च 2020 को या उससे पहले जो ई-वे बिल बनाए गए हैं और उनकी वैधता 20 मार्च को या इसके बाद खत्म हो चुकी है, ऐसे ई-वे बिल अब 30 जून 2020 तक वैध हैं। बता दें कि ई-वे बिल उन लोगों को लेना होता है, जो 50 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का सामान ट्रांसपोर्टर के जरिये सप्लाई करते हैं।
एक अन्य नोटिफिकेशन में सीबीआईसी ने रिफंड को खारिज करने के लिए भी 30 जून तक का समय दे दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे टैक्स अधिकारियों के पास गुणवत्ता पूर्ण ऑर्डर जारी करने के लिये काफी समय होगा। टैक्सपेयर्स को भी उसकी बात सुनने के लिए पूरा मौका मिल सकेगा।
हाल ही में मोदी सरकार ने जीरो मासिक जीएसटी रिटर्न भरने वाले कारोबारियों के लिए एक स्रूस् सेवा भी शुरू की है। हालांकि, ये सुविधा सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनका मासिक जीएसटी रिटर्न शून्य है। इससे करीब 22 लाख रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स को फायदा होगा।