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चिपकाए गए सी एम योगी के साथ घोटालेबाजों की तस्‍वीर वाले पोस्‍टर

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वीवीआईपी गेस्‍ट हाउस की दीवारों पर चिपके मिले विवादित पोस्‍टर
पुलिसकर्मियों ने हटाए पोस्‍टर, जांच शुरू

लखनऊ  राजधानी के पॉश इलाके में मंगलवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर घोटाले के आरोपियों की तस्‍वीर वाले पोस्‍टर चिपके नजर आए। पोस्‍टर की खास बात ये थी कि इसमें घोटालेबाजों के साथ सीएम योगी आदित्‍यनाथ और मंत्री की फोटो भी नजर आई। पोस्‍टर वायरल होते ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। आनन फानन में पुलिसकर्मी वीवीआईपी गेस्‍ट हाउस पहुंचे और विवादित पोस्‍टर को हटाया गया। हालांकि तब तक पोस्‍टर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे। इन पोस्‍टरों में पोस्‍टर लगाने वाले का नाम नहीं लिखा था। विवादित पोस्टर में सीएम योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ आरोपियों की फोटो को दिखाया गया था। पुलिस के संज्ञान में मामला आने के बाद तत्काल पोस्टर हटाए गए। इसके साथ ही पोस्टर लगाने वाले की तलाश शुरू हो गई है। पोस्टर में किसी भी पार्टी या नेता का नाम नहीं है। ऐसे में पुलिस जांच में जुटी हुई है।

गौरतलब है कि सहायक शिक्षक भर्ती और पशुधन विभाग में टेंडर मामले में पुलिस के द्वारा कई आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। पूरे मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर रही है। शिक्षक भर्ती केस में टॉपर समेत कई आरोपी प्रयागराज में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। शिक्षक भर्ती और पशुधन घोटाले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी की भाजपा सरकार में प्रदेश का सबसे बड़ा दफ्तर सचिवालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।  पशुपालन विभाग के घोटाले ने सरकार के पूरे भ्रष्ट तंत्र की कलई खोल दी है।  प्रदेश की कार्यपालिका के केंद्र के इर्द-गिर्द भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। आपको बता दें कि सचिवालय में पशुपालन विभाग के नाम पर फर्जीवाड़े की खबर आई है। आरोप है कि सहायक समीक्षा अधिकारी, संविदा कर्मचारी की मदद से जालसाज सचिवालय के एक कमरे को पशुपालन विभाग का दफ्तर बनाकर फर्जीवाड़ा करते रहे और किसी को भनक तक नहीं लगी। हालांकि इस मामले में गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। लेकिन मंगलवार को विवादित पोस्‍टर को पॉश इलाके में लगाने से मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया है।

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