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मुंबई, लद्दाख की गलवान वैली में इस सप्ताह की शुरुआत में चीन की ओर से भारतीय सैनिकों पर धोखे से किए गए हमले को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड बड़ा फैसला कर सकती है। दोनों देशों में तनाव के बीच भारत में चीन विरोधी भावनाओं को देखते हुए जानी-मानी चाइनीज मोबाइल कंपनी वीवो को आईपीएल के वर्तमान टाइटल स्पॉन्सर बनाए रखने के फैसले की बीसीसीआई समीक्षा करेगी।
बीसीसीआई की इंडियन प्रीमियर लीग के ट्विटर हैंडल ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, सीमा पर झड़प में हमारे बहादुर जवानों की शहादत को ध्यान में रखते हुए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने टूर्नमेंट की विभिन्न स्पॉन्सरशिप डील्स की समीक्षा के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई है। भारत-चीन सीमा पर चार दशकों से अधिक समय में यह पहली झड़प थी, जिसमें कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रुपये मिलते मिलते हैं। 2022 में बीसीसीआई और वीवो के बीच पांच साल का करार खत्म हो रहा है।
इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल का कहना था कि आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नमेंटों के चीनी कंपनियों द्वारा प्रायोजन से देश को ही फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई अगले सत्र के लिए अपनी प्रायोजन नीति की समीक्षा के लिए तैयार है, लेकिन आईपीएल के मौजूदा टाइटल स्पॉन्सर वीवो से करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है।