[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
नयी दिल्ली,विश्व कराटे महासंघ (डब्ल्यूकेएफ) ने पिछले साल चुनावों के दौरान विश्व संस्था के नियमों का पालन नहीं करने के कारण भारतीय कराटे संघ (केएआई) की तुरंत प्रभाव से अस्थायी तौर पर मान्यता रद्द कर दी है। डब्ल्यूकेएफ ने कहा कि जांच के बाद यह फैसला किया गया। डब्ल्यूकेएफ के प्रमुख एंटोनियो एस्पिनोस ने केएआई के अध्यक्ष हरिप्रसाद पटनायक को पत्र भेजकर यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा है, ”भारतीय कराटे संघ (केएआई) की स्थिति की समीक्षा के लिये गठित आयोग की जांच के बाद डब्ल्यूकेएफ कार्यकारी समिति ने डब्ल्यूकेएफ के नियमों के अनुसार 22 जून से तुरंत प्रभाव से केएआई की मान्यता अस्थायी तौर पर रद्द करने का फैसला किया है जिसके कि आप अध्यक्ष हैं। ÓÓ विश्व संस्था ने साफ किया है कि वह भारतीय संघ के अंदरूनी कलह से खुश नहीं हैं जिसके कारण पिछले साल जनवरी में नियमों का उल्लंघन करके चुनाव कराये गये। डब्ल्यूकेएफ अध्यक्ष ने लिखा है, ”केएआई का वर्तमान प्रबंधन अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। वर्तमान प्रबंधन अब पंगु हो चुका है क्योंकि प्रबंधन के एक गुट की अगुवाई कर रहे लिखा तारा का दावा है कि पदाधिकारियों का चुनाव गैरकानूनी तरीके से किया गया जबकि प्रबंधन का एक गुट इस पर नियंत्रण की बात करता है जबकि एक अन्य गुट भरत शर्मा को उपाध्यक्ष पद पर बहाल करने की पेशकश कर रहा है। ÓÓ उन्होंने 22 जून को भेजे गये पत्र में कहा, ”इसे देखकर लगता नहीं कि केएआई निकट भविष्य में मतभेदों और सभी मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान कर पाएगा। इसके बजाय आयोग को लगता है कि आंतरिक संघर्ष बढ़ेगा और ऐसे में राष्ट्रीय महासंघ की स्वायत्तता में हस्तक्षेप की संभावना है।ÓÓ डब्ल्यूकेएफ ने हालांकि केएआई को मान्यता रद्द करने के खिलाफ 21 दिनों के अंदर अपील करने का विकल्प दिया है। केएआई की मान्यता रद्द करने के फैसले को मंजूरी के लिये डब्ल्यूकेएफ अपनी अगली बैठक में कांग्रेस के समक्ष रखेगा। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इस साल जनवरी में ही उसके संविधान और दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिये केएआई की मान्यता रद्द कर दी थी। यह मसला केएआई के जनवरी 2019 में हुए चुनावों से संबंधित है जिसमें आईओए का पर्यवेक्षक नहीं था और आरोप लगाये गये हैं कि यह पूरी प्रक्रिया वैध नहीं थी।