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चालकों का प्रशिक्षण, स्वास्थ्य व नेत्र परीक्षण और काउंसिलिंग से मिले सकारात्मक परिणाम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि में गत वित्तीय वर्ष की अपेक्षा दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आयी है। यह जानकारी बुधवार को यूपी रोडवेज के एमडी डॉ. राजशेखर ने दी। उन्होंने बताया कि तुलनात्मक विवरण को देखने से यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 की अवधि में गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के सापेक्ष घटित दुर्घटनाओं में 13 प्रतिशत की कमी, फैटल दुर्घटनाओं की संख्या में 18 प्रतिशत की कमी, मृृतकों की संख्या में 19 प्रतिशत की कमी हुई ह जबकि घायलों की संख्या में 0.49 प्रतिशत की कमी हुई है। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम में दुर्घटनाओं की रोकथाम के प्रयासों के अन्तर्गत चालकों को प्रशिक्षण, स्वास्थ्य व नेत्र परीक्षण तथा काउन्सिलिंग आदि की प्रक्रिया निरन्तर की जाती है जिसका परिणाम यह रहा कि विभिन्न स्तर से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में काफी निरंतर कमी आयी है। एमडी ने कहा कि सेवा आरम्भ करने से पूर्व सम्बन्धित चालक के विश्राम की निर्धारित व्यवस्था का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है। दैनिक रूप से बसों को मार्ग पर भेजने से पूर्व उनकी 13 बिन्दुओं के तहत यानी बस में एसएलडी, वीटीएस, अग्निशमन यन्त्र व फर्स्ट एड किट की क्रियाशीलता और उसकी तकनीकी जांच करायी जाती है। इसके अलावा बस के प्रस्थान से पूर्व सम्बन्धित चालक का ब्रेथ एनालाईजर के द्वारा ब्रीथिंग का परीक्षण किया जाता है। उक्त के अतिरिक्त, मार्ग पर संचालित बसों के चालकों का औचक रूप से ब्रेथ एनालाईजर के माध्यम से परीक्षण भी किया जाता है। एमडी ने कहा कि कोविड-19 के दृृष्टिगत घोषित लॉकडाउन अवधि में संचालित आपातकालीन सेवाओं में तथा अनलाक-1 में सामान्य संचालन में भी उपरोक्त सुरक्षात्मक उपाय नियमित रूप से सुनिश्चित कराये जाने के साथ ही उनकी क्रमवार मॉनीटरिंग भी करायी जा रही है।