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लखनऊ। सावन आ चुका है और पहला ही दिन सोमवार है। लाजिम है, शिवाले भी सज गए हैं। कोरोना का दौर है तो कई बंदिशें भी हैं। यही वजह है कि लखनऊ के मंदिरों में इन बंदिशों के साथ नए ढंग से इंतजाम किए गए हैं। जलाभिषेक के लिए कहीं गर्भगृह के बाहर अरघा लगाया गया है तो कहीं मटके और पाइप से निकल रहे फव्वारे से अभिषेक की अद्भुत व्यवस्था की गई है। इसके साथ कई मंदिरों में रुद्राभिषेक की बुकिंग भी सीमित कर दी गई है। कुछ जगह तो सिर्फ पुजारी ही रुद्राभिषेक करेंगे। इस बार सावन सोमवार 6 जुलाई से शुरू होकर सोमवार तीन अगस्त को संपन्न हो रहा है, यानी अबकी बार कुल पांच सोमवार पड़ेंगे। श्रावण माह के प्रदोष व्रत भी शनिवार को पड़ रहे हैं। कृष्ण पक्ष का व्रत 18 जुलाई और शुक्ल पक्ष का 1 अगस्त को होगा। इसके साथ नागपंचमी 25 जुलाई को होगी और रक्षाबंधन तीन अगस्त को पड़ रहा है। मनकामेश्वर मठ में गर्भगृह के बाहर से जलाभिषेक के लिए धातु की नाली वाला अरघा लगाया गया है। यहां तड़के पांच से लेकर रात नौ बजे तक शिव भक्तों के लिये दर्शन आदि की व्यवस्था की गई है। यहां श्रावणी सोमवार पर सुबह 4 बजे और रात 8 बजे आरती होगी। मंदिर में कोरोना से बचाव के मद्देनजर एक बार में सिर्फ पांच भक्तों को दर्शन-पूजन के लिये प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन का इंतजाम रखा गया है। साथ ही मंदिर के प्रवेश द्वार पर रखी डायरी में हर आगंतुक का ब्योरा दर्ज होगा। नागपंचमी पर महंत देव्या गिरि की अगुआई में मनकामेश्वर घाट उपवन में सुबह 10 बजे से काल सर्पदोष मुक्ति के लिए विशेष अनुष्ठान का भी आयोजन कराया जायेगा।