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कपिल देव बोले- आज माता-पिता अपने बच्चों को ग्राउंड ला रहे हैं, ये है सबसे बड़ा बदलाव

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Ideas of India: ABP Ideas of India के समिट के पहले दिन The Sporting Nation के सेशन में भारत को 1983 में पहली बार विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव, ओलंपिक में मेडल जीतने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज, भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान ज़फर इकबाल और टेनिस के दिग्गज रहे लिएंडर पेस ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में कपिल देव ने आइडिया ऑफ इंडिया में खेल के योगदान और बदलाव के बारे में खुलकर बात की. 

भारत को 1983 में पहली बार विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात मैं कहूंगा कि मैं जो पिछले 40 सालों में सबसे बड़ा बदलाव देख रहा हूं, वो ये है कि आज माता-पिता अपने बच्चों को ग्राउंड्स पर लेकर आ रहे हैं. वे उन्हें खिलाड़ी बनाना चाहते हैं. हमारे समय में किसी माता-पिता के पास समय नहीं था कि वो अपने बच्चों को ग्राउंड लेकर आएं. 

उन्होंने आगे कहा कि आज माता-पिता जानते हैं कि उनका बच्चा आईपीएल में खेल सकता है. देश के लिए खेल सकता है. हमारे समय में हम अपने माता-पिता से छिपकर खेलते थे. आप इसके लिए बोर्ड को क्रेडिट दे सकते हैं. मैं कहूंगा कि आज माता-पिता ये चाहते हैं कि उनका बच्चा स्पोर्ट्स प्लेयर बने, और यही सबसे बड़ा बदलाव है. 

कार्यक्रम में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान ज़फर इकबाल ने कहा कि हम पिछले कई सालों से हॉकी में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मौजूदा हॉकी टीम पिछले 30 से 40 सालों की सबसे मज़बूत टीम है. हम कह सकते हैं कि आज हॉकी ने एक अलग पहचान बनाई है. लोग अब हॉकी में करियर बना सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि सबसे बड़ी चीज़ ये है कि आज खिलाड़ियों के बीच एक विश्सास पैदा हो गया है कि हम कर सकते हैं. हम जीत सकते हैं, और यही सबसे बड़ा बदलाव है. 

वहीं कार्यक्रम में लिएंडर पेस ने कहा कि सबसे पहले मैं कहूंगा कि स्पोर्ट्स ने इंडिया को हेल्थी बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया है. हम सभी स्कूल में कई सालों से पीटी करते आए हैं. लेकिन हमें नहीं पता था कि हमें क्या खाना है. हमें अपनी डाइट कैसी रखनी है. लेकिन आज ऐसा नहीं है. जफर अंकल ने, कपिल पाजी ने और अंजू बॉबी जॉर्ज ने हम सभी को प्रभावित किया है. 

कार्यक्रम में भारत की पहली और एकमात्र एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज ने एथलेटिक्स ट्रेनिंग, 2003 पेरिस और अपने ट्रेनिंग देने के बारे में बात की. 

उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स दुनिया का सबसे कठिन इवेंट है. ये कितना कठिन है, हम इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते. पूरी दुनिया सिर्फ तीन मेडल के लिए लड़ती है. और पोडियन तक पहुंचना एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है. वहीं 2003 पेरिस ओलंपिक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि मैं मेडल लाऊंगी. हालांकि, मुझे उम्मीद थी. मैं कहूंगी कि ये सिर्फ बॉबी की वजह से संभव हुआ. बिना उसके सपोर्ट के ये संभव नहीं था. 

उन्होंने आगे कहा कि 2004 एथेंस ओलंपिक में मुझसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन मैं पूरी तरह फिट नहीं थी. तब मैं काफी भावुक हो गई थी. वहीं अपने फाउंडेशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी अकादमी अंजू बॉबी फाउंडेशन 16 बच्चों को प्रशिक्षण दे रही है. अंजू ने आगे कहा कि युवा शैली सिंह भी वहीं ट्रेनिंग कर रही है. वह जूनियर लेवल में विश्व रैंकिंग में दूसरे नंबर पर है.  

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