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सिर्फ 20 टेस्ट में बने दुनिया के नंबर वन बल्लेबाज़, जानें कैसा रहा मार्नस लाबुशेन का सफर

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Marnus Labuschagne World’s Number One Batsman in Test Cricket: आज से कुछ वक्त पहले तक टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन और जो रूट की प्रतिभा और प्रदर्शन की बात ही होती थी, लेकिन अब इन दिग्गजों को टक्कर देने के लिए एक और बल्लेबाज़ सामने आ गया है. यह बल्लेबाज़ कोई और नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया के 27 साल के युवा खिलाड़ी मार्नस लाबुशेन हैं. लाबुशेन पिछले डेढ़ साल में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर टेस्ट बल्लेबाज़ों की रैंकिंग में 110वें स्थान से पहले नंबर पर पहुंचे हैं. आइये जानें कैसा रहा लाबुशेन का सफर.

कौन हैं मार्नस लाबुशेन?

22 जून, 1994 को साउथ-अफ्रीका में जन्में मार्नस लाबुशेन अपने परिवार के साथ 2004 में ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हुए थे. इसके ठीक 10 साल बाद 2014 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. अपने पहले प्रथम श्रेणी मैच में लाबुशेन ने 83 रनों का पारी खेलकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. हालांकि, लाबुशेन दुनिया की नज़र में तब आए जब उन्होंने 2014 में भारत के खिलाफ सब्सटीट्यूट फील्डर के तौर पर शानदार कैच पकड़ा था. 

2014 में तत्कालीन 20 वर्षीय मार्नस लाबुशेन को बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के दौरान गाबा में एक अतिरिक्त फिल्डर के रूप में मैदान पर उतरने का मौका मिला था. इसके बाद उन्हें बल्लेबाज के रूप में ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह बनाने में लगभग चार साल का समय लग गया. लाबुशेन की शुरुआत उतनी प्रभावशाली नहीं थी, जितनी वह चाहते थे. हालांकि, कुछ पारियों के बाद स्टाइलिश बल्लेबाज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित करना जारी रखा. उन्होंने बहुत कम समय में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के थिंक टैंक का विश्वास भी हासिल किया है. 

बुधवार को लाबुशेन आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गए. डेब्यू करने के तीन साल बाद, लाबुशेन ने अपने पहले 20 टेस्ट में छह शतक और 12 अर्धशतक बनाए, जिसमें उनका औसत 62.14 का रहा. कम से कम 20 टेस्ट पारियां खेलने वाले बल्लेबाजों में केवल अतुलनीय सर डॉन ब्रैडमैन का औसत (99.94) उनसे ज्यादा है. 

डेब्यू टेस्ट में शून्य पर लौटे पवेलियन

लाबुशेन ने अक्टूबर, 2018 में पाकिस्तान के खिलाफ दुबई में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. वह पहली पारी में दूसरी गेंद पर बिना खाता खोले आउट हो गए थे तो वहीं दूसरी पारी में 13 रन पर पवेलियन लौट गए थे. हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान की प्रत्येक पारी में एक विकेट लिया. साथ ही बाबर आजम को रन आउट भी किया. उन्होंने दूसरे टेस्ट में 25 और 43 रन बनाकर खुद को साबित किया. 

बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में मौका

इस सीरीज के लिए लाबुशेन को ऑस्ट्रेलिया द्वारा टीम में चुना गया. इसके बाद बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के पहले तीन मैचों के लिए टीम से बाहर रहने के बाद क्वींसलैंडर को सिडनी टेस्ट में मौका दिया गया. यह सीरीज ऑस्ट्रेलिया 2-1 से हार गई थी. उनका नंबर 3 पर आकर खेलना बड़ी बात थी. 

बल्लेबाज ने मौके को अच्छी तरह भुनाया

लाबुशेन के पहले चार टेस्ट ऐसे दौर में आए जब ऑस्ट्रेलिया अपने दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ के बिना खेल रहा था. उनकी वापसी के बाद उनको प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया, लेकिन फिर भी एशेज टीम में बने रहे. स्मिथ की गैरमौजूदगी में लाबुशेन ने टीम में वापसी की और उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. दूसरे एशेज टेस्ट की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में स्मिथ के लिए एक विकल्प के रूप में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने पर दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 59 रनों की पारी खेली, जिससे लॉर्डस में ऑस्ट्रेलिया को एक महत्वपूर्ण ड्रॉ हासिल करने में मदद मिली. 

विरोधी टीमों के गेंदबाजों पर रहे हावी

एशेज के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि लाबुशेन आने वाली सीरीज में विरोधी टीम के गेंदबाजों पर हावी हो सकते हैं. गर्मियों के शुरुआती गाबा टेस्ट में उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, जिसमें 279 गेंदों पर 185 रन बनाए. उन्होंने एडिलेड ओवल डे-नाइट में 162 रन बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में 347 के औसत से रन बनाए. 

उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 143 रन के साथ लगातार तीन पारियों में तीन शतक बनाए. उन्होंने अपना पहला दोहरा शतक भी इसी सीरीज में बनाया. इस पूरे सीजन में उन्होंने चार शतक और तीन अर्धशतक के साथ 896 रन बनाए थे. 2019 में 20.25 औसत से बढ़कर, जनवरी 2020 की शुरुआत में उनका औसत 63.43 हो गया. 

भारत के खिलाफ संकल्प

जब लाबुशेन 2020/21 में भारत का सामना किया था, तब नंबर 3 पर एक आश्चर्यजनक चयन के बाद वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के एक वास्तविक स्टार थे. विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे की टीम ने सीरीज की शुरुआती मैचों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था. एडिलेड ओवल में उन्होंने महत्वपूर्ण 48 और 28 रन बनाए. लेकिन इससे टीम को फायदा नहीं हो सका और ऑस्ट्रेलियाई टीम मैच हार गई. लेकिन सीरीज के दूसरे भाग में वापसी करते हुए एससीजी में 91 और 73 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया. दुर्भाग्य से ऑस्ट्रेलिया के लिए उनकी शानदार पारी काम नहीं आई, क्योंकि भारत ने सीरीज 2-1 से जीत ली. 

एशेज में इंग्लैंड के खिलाफ कर रहे शानदार प्रदर्शन

लाबुशेन ने इंग्लैंड के खिलाफ अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और इसी एशेज सीरीज में आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग के शीर्ष पर पहुंचे हैं. 27 वर्षीय खिलाड़ी ने गाबा में 74 रनों की पारी से सीरीज की शुरुआत की थी. इसके बाद एडिलेड ओवल में पहली पारी में एक शतक और दूसरी पारी में 51 रन बनाए, जिससे उनको दूसरे एशेज टेस्ट में प्लेयर ऑफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया. 

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