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कानपुर। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सबसे बड़े राजदार को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस को बिकरू हत्याकांड में जिला पंचायत सदस्य गुड्डन त्रिवेदी के शामिल होने का शक है,लेकिन वारदात की रात गुड्डन के मोबाइल की लोकेशन रूरा गांव की बताई जा रही है।
सूत्रों के हवाले से यह भी बात निकल कर सामने आई है कि वारदात के बाद कई सफेदपोश उसके संपर्क में थे,जो उसे पल-पल की जानकारी दे रहे थे। फिलहाल, पुलिस ने गुड्डन को बिकरू गांव हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का दोषी बनाकर जेल भेजा है। कानपुर देहात से जिला पंचायत सदस्य गुड्डन त्रिवेदी उर्फ अरविंद को बिकरू गांव हत्याकांड के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने उसके ड्राइवर सोनू के साथ गिरफ्तार किया था।
कानपुर पुलिस ने पहले तो गुड्डन त्रिवेदी के इस हत्याकांड में शामिल होने से इनकार किया था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने गुड्डन त्रिवेदी से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लाने का फैसला किया। गुड्डन ने बिकरू हत्याकांड के लिए विकास को असलहे और कारतूस मुहैया कराए थे।
बिकरू हत्याकांड के बाद से था फरार
बिकरू हत्याकांड के बाद से ही गुड्डन त्रिवेदी घर से फरार चल रहा था। उसने विकास और उसके साथियों की फरारी काटने में मदद भी की थी। विकास को उसने शिवली से 50 किलोमीटर दूर खेतों के बीच एक छोटे से कमरे में छिपाया था। विकास ने फरारी के दो दिन वहीं काटे थे। विकास गुड्डन त्रिवेदी की मदद से ही उज्जैन पहुंचा था। गुड्डन ने उसे उज्जैन जाने के लिए गाड़ी मुहैया कराई थी।
कानपुर पुलिस ने पहले तो गुड्डन त्रिवेदी के इस हत्याकांड में शामिल होने से इनकार किया था। इसके बाद कानपुर पुलिस ने गुड्डन त्रिवेदी से पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लाने का फैसला किया। गुड्डन ने बिकरू हत्याकांड के लिए विकास को असलहे और कारतूस मुहैया कराए थे।
बिकरू हत्याकांड के बाद से था फरार
बिकरू हत्याकांड के बाद से ही गुड्डन त्रिवेदी घर से फरार चल रहा था। उसने विकास और उसके साथियों की फरारी काटने में मदद भी की थी। विकास को उसने शिवली से 50 किलोमीटर दूर खेतों के बीच एक छोटे से कमरे में छिपाया था। विकास ने फरारी के दो दिन वहीं काटे थे। विकास गुड्डन त्रिवेदी की मदद से ही उज्जैन पहुंचा था। गुड्डन ने उसे उज्जैन जाने के लिए गाड़ी मुहैया कराई थी।
गुड्डन के संपर्क में थे सफेदपोश
गुड्डन त्रिवेदी जिला पंचायत सदस्य है। जिसकी वजह से उसके संबध सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओ से है। सूत्रों के मुताबिक जब गुड्डन त्रिवेदी फरारी काट रहा था तो कई सफेदपोश उसके संपर्क में थे। सफेदपोश उसे एक-एक पल की जानकारी दे रहे थे। जिसकी वजह से वह लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। विकास दुबे ने कई सफेदपोशों से खुद गुड्डन को मिलवाया था। जब कभी भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते थे तो विकास और उसके गुर्गे नेताओं की हर तरह से मदद करते थे। जिसकी वजह से विकास और गुड्डन जैसे अपराधियों की मदद के लिए सफेदपोश आगे आते थे।