[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]
लखनऊ, कंपनी बनाकर, छह महीने में रुपये दुगुना करने का झाँसा देकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी का आरोपी और 50 हजार रुपये के इनामी अजीत कुमार गुप्ता को पीजीआई इंस्पेक्टर केके मिश्र की अगुवाई में लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीजीआई कोतवाली में आरोपी अजीत कुमार गुप्ता सहित 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज है। आरोपी के गिरफ्तारी की सूचना फैलते ही ठगी के शिकार हुए लोग पीजीआई कोतवाली पहुंच गए और अपनी आप बीती बताई और दस्तावेज दिखाए। पुलिस ने गिरफ्तार किये गए नटवरलाल को जेल भेज दिया।
प्रभारी निरीक्षक पीजीआई कण्व कुमार मिश्रा ने बताया कि अनी बुलियन कंपनी के नाम पर हजारों करोड़ रुपए की ठगी करने वाले 50000 रुपये के इनामी अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि वांछित चल रहे अभियुक्त पर फर्जी कंपनियां बनाकर हजारों करोड़ों रुपए की ठगी करने का आरोप है और वह इस खेल का मास्टरमाइंड सरगना है। जिस पर पुरस्कार घोषित था। अभियुक्त को मुखबिर की सूचना के आधार पर सेक्टर – 8 अंडरपास वृंदावन योजना के पास से गिरफ्तार किया गया है। इसके निशानदेही पर मारुती वैन भी बरामद की गई है। पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्त ने अपना नाम अजीत गुप्ता बताया है। अभियुक्त ने अनी बुलियन नाम की कंपनी खोली थी। जिसका काम हीरा सोने चांदी के नोट और सिक्कों के व्यापार करने को दर्शाया गया था। किंतु कंपनी कोई व्यापार वास्तव में नहीं करती थी। इससे जनता के लोगों को विशेषकर मुआवजा किसानों और सेवानिवृत्त फौजियों और जमा धन रखे लोगों को टारगेट किया गया और करीब 40 प्रतिशत का वार्षिक लाभ का लालच देकर लोगों से फर्ज के तौर पर नोटरी हलफनामा बनवाकर 40 प्रतिशत मुनाफा का फायदा करके शेयर मार्केट और सोना चांदी के तस्करी के कारोबार में लगाया गया। आयुक्त ने ठगी करके अपनी अकूत संपत्ति बनाई। वर्ष 2016 में देश भर में नोट बंदी लागू होने तक इसका यह गोरखधंधा फलता फूलता लेकिन नोटबंदी के बाद से लोगों ने निजी आवश्यकताओं के कारण निवेश करने के प्रस्ताव को ठुकरा कर अपना रुपया वापस मांगा तो टालमटोल करने लगा और मोबाईल नंबर स्विच ऑफ करके अंडरग्राउंड हो गया। इसके विरुद्ध कई पीड़ितों ने अभियोग पंजीकृत करवाया था। जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए अभियुक्त को धर दबोचा। अभियुक्त के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है।