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एकेटीयू की विद्या परिषद की 62 वीं बैठक संपन्‍न

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लखनऊ .राजधानी स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्‍वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में विद्या परिषद की 62 वीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि बहुविकल्पी प्रश्न आधारित प्रश्नपत्र होगा और ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जाएगी| बैठक के दौरान अंतिम वर्ष के छात्र/छात्राओं के अंतिम सेमेस्टर का मूल्यांकन विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के दिनांक 06 जुलाई को जारी दिशानिर्देशों में निर्धारित की गई प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा। यह प्रक्रिया 30 सितंबर, 2020 के पूर्व सम्पन्न कर ली जाएगी। मुख्य परीक्षाओं के साथ ही अंतिम वर्ष के  समस्त पाठ्यक्रमों के छात्र छात्राओं के कैरी ओवर विषयों, जहां लागू हो, की परीक्षाएं भी मुख्य परीक्षाओं के साथ ही कराई जाएगी।  यदि अंतिम वर्ष का कोई छात्र या छात्रा किसी कारणवश इस परीक्षा में भाग लेने से वंचित रह जाता है तो विश्वविद्यालय ऐसे छात्र छात्राओं के लिए समयानुसार विशेष परीक्षा का आयोजन करेगा।

वहीं संस्थानों को ऑनलाइन मोड का उपयोग करके अपने छात्र-छात्राओं के सम सेमेस्टर थ्योरी और प्रोजेक्ट, प्रायोगिक विषयों  के आंतरिक मूल्यांकन को पूरा करने के लिए यथोचित समय दिया जाएगा। इस अवधि में संस्थान को छात्र-छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन अंको को विश्वविद्यालय पोर्टल पर अपलोड करना होगा। अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए प्रोजेक्ट, थीसिस की मौखिक परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से कराया जाएगा । यह प्रक्रिया इन छात्र-छात्राओं की लिखित परीक्षाएं शुरू होने के पूर्व ही सम्पन्न करा ली जाएगी। कोई भी छात्र-छात्रा जो कतिपय तकनीकी कारणों से प्रोजेक्ट वाईवा के अंतिम मूल्यांकन में भाग लेने में सक्षम नहीं हैं। संस्थान ऐसे छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय को सूचित करते हुए वाइवा के लिए एक अतिरिक्त अवसर प्रदान करेगा। यदि फिर भी छात्र-छात्रा वाइवा देने से वंचित रह जाता है तो ऐसी अवस्था में संस्थान द्वारा ऐसे छात्र-छात्राओं के प्रोजेक्ट वाईवा का मूल्यांकन संस्थान खुलने के तुरन्त बाद कराया जाएगा।

एकेटीयू के पीआरओ आशीष मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय  द्वारा ऐसे छात्र-छात्राओं के परिणाम को तब तक रोक दिया जाएगा जब तक कि उनका मूल्यांकन संस्थान द्वारा नहीं किया जाता है और वाइवा के अंक प्रदान नहीं कर दिए जाते। एमटेक/एमफार्म /एमआर्क के अंतिम वर्ष के छात्र/छात्राओं के लिए अंतिम शोध प्रबंध परीक्षा का आयोजन विश्वविद्यालय के एकैडमिक कार्यक्रम के अनुसार ही ऑनलाइन माध्यम से कराया जाएगा। गैर-अंतिम वर्ष, के छात्र/छात्राओं के इवेन सेमेस्टर का मूल्यांकन विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के दिनांक 29 अप्रैल को जारी दिशानिर्देशों में निर्धारित की गई प्रक्रिया के अनुसार किया जायेगा| गैर-अंतिम वर्ष, के छात्र-छात्राओं  को अगले शैक्षणिक वर्ष में प्रोन्नत कर दिया जायेगा। संस्थानों को ऑनलाइन मोड का उपयोग करके अपने छात्र-छात्राओं के सम सेमेस्टर थ्योरी और प्रोजेक्ट-प्रोयोगिक विषयों  के आंतरिक मूल्यांकन को पूरा करने के लिए यथोचित समय दिया जाएगा। इस अवधि में संस्थान को छात्र-छात्राओं के आंतरिक मूल्यांकन अंको को विश्वविद्यालय पोर्टल पर अपलोड करना होगा। सभी मध्यवर्ती वर्ष, गैर-अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के कैरी ओवर विषयों की परीक्षाएं, जहाँ लागू हो,  विश्वविद्यालय संस्थानों के खुलने के बाद आयोजित करेगा।

जिन छात्र-छात्राओं के पिछले सेमेस्टर, वर्ष के विषयों में कोई कैरी ओवर है, उनके अंतिम परिणामों को रोक कर रखा जाएगा तथा कैरी ओवर पेपर के परिणाम घोषित होने के बाद, उनके अद्यतन ग्रेड की गणना की जाएगी और परिणाम घोषित किया जाएगा। एमटेक/एमफार्म /एमआर्क के प्रथम वर्ष के छात्र/छात्राओं भी प्रमोट किया जायेगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद  के दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी छात्र-छात्रा को उपस्थिति के आधार पर अंतिम मूल्यांकन में रोका नहीं जाएगा। कोई भी छात्र- छात्रा जो अपने ग्रेड को सुधारना चाहता है, उसे अगले शैक्षणिक में अपने ग्रेड में सुधार करने के लिए, एक अतिरिक्त अवसर दिया जाएगा । छात्र- छात्रा परीक्षा फॉर्म भर कर अगले शैक्षणिक वर्ष के अंत में आयोजित होने वाली एण्ड सेमेस्टर की परीक्षा में उस विषय की परीक्षा में भाग ले  सकता है। ऐसे सभी प्रकरणों के लिए, मूल्यांकन के बाद, प्राप्त अंक (और तदनुसार ग्रेड) छात्र-छात्रा को प्रदान किए जाएंगे और एक अद्यतन ग्रेड शीट छात्र को जारी की जाएगी। इस प्रयास को कैरी पेपर के रूप में नहीं माना जाएगा। इस कार्य हेतु छात्र को अगले शैक्षणिक वर्ष में केवल एक प्रयास दिया जाएगा। बैठक में आईआईटी, कानपुर के उप निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर मनीन्द्र अग्रवाल, आईआईटी, रुड़की के प्रोफेसर सुनील बाजपेई, विवि के प्रतिकुलपति प्रोफेसर विनीत कंसल, वित्त अधिकारी, जीपी सिंह, डीन यूजी प्रो सुबोध वैरिय, डीन पीजी प्रो एमके दत्ता, सीएएस के निदेशक प्रो मनीष गौड़, आईईटी के निदेशक प्रोफेसर एचके पालीवाल, एफओए की डीन प्रो वंदना सहगल, यूपीआइडी के निदेशक प्रोफेसर वीरेंद्र पाठक, समस्त डीन सहित अन्य सभी सदस्य उपस्थित  रहे| बैठक विधिवत सम्पन्न हो गई।

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