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प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी का कोरोना संक्रमण से पीजीआई में निधन

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता जा रहा है। जिसकी चपेट में अब नेता, मंत्री भी आने लगे है। यूपी सरकार की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का कोरोना संक्रमण से रविवार पीजीआई लखनऊ में निधन हो गया है। मंत्री के निधन की पुष्टि एसजीपीजीआई के सीएमएस डॉक्टर अमित अग्रवाल ने की है।

सीएमएस डॉ0 अमित अग्रवाल ने बताया कि उन्हें सीवियर कोविड-19 निमोनिया हो गया था। इस वजह से वह एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चली गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना के लिए निर्धारित रेमडेसिविर समेत अन्य निर्धारित दवाएं उन्हें लगातार दी जा रही थी। लेकिन सुधार नहीं हो रहा था। मंत्री कमल रानी को पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन व थायराइड से जुड़ी समस्या थी। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था।

मंत्री कमल रानी को दो दिन से बुखार आ रहा था। उन्होंने सिविल अस्पताल में ट्रनेट मशीन से जांच कराई थी। कमल रानी वरुण को 18 जुलाई को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ पीजीआई में भर्ती कराया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते आईसीयू में रखा गया था। शनिवार रात को उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। रविवार सुबह उनका निधन हो गया। कमला वरुण का जन्म 3 मई 1958 को हुआ था।

मंत्री कमल रानी वरुण के निधन की सूचना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज का अपना अयोध्या दौरा स्थगति कर दिया है। मंत्री कमल रानी वरूण का पार्थिव शरीर लखनऊ से सीधे कानपुर जाएगा। वहां पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

कमल रानी वरुण कानपुर जिले के घाटमपुर लोकसभा क्षेत्र से 1996 व 1998 में 11वीं व 12वीं लोकसभा की सदस्य रहीं 62 वर्षीया कमल रानी वरुण ने राजनीति पार्षद के रूप में शुरू की थी। वह 1989 से 1995 तक पार्षद थीं। लखनऊ में तीन मई 1958 को जन्म लेने वाली कमल रानी वरुण का विवाह 25 मई 1975 को कानपुर के किशन लाल वरुण से हुआ था। किशन लाल एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी और आरएसएस के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक थे। कमल रानी ने 1977 में पहली बार मतदाता पर्ची काटने का काम शुरू करते हुए राजनीति में प्रवेश किया था। कमल रानी वरुण वर्तमान में कानपुर के घाटमपुर से विधायक और वर्तमान में योगी सरकार में कैबिनेट रही।

बता दें कि इससे पहले यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह के साथ ही चेतन चौहान, आयुष मंत्री डाॅक्टर धर्म सिंह सैनी, खेल व युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी तथा रघुराज सिंह पॉजिटिव हुए। हालांकि राजेंद्र प्रताप अब स्वस्थ्य हो चुके हैं। कमल रानी की बेटी भी कोरोना पाॅजिटिव पाई गई थी। लेकिन इलाज के बाद अब ठीक हो गई है।

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