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- संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, उनके पति मोहन त्रिपाठी गिरफ्तार
- चाैबीस महिलाएं व बच्चे कराए गए मुक्त, संस्था को पुलिस ने किया सील
- 18 बच्चे व महिलाएं अभी भी बालिका गृह से बताई जा रही हैं गायब
- एसपी के निर्देश पर संचालिका, अधीक्षक समेत तीन को पुलिस ने किया गिरफ्तार
देवरिया। बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह देवरिया स्थित बालिका गृह से सेक्स रैकेट संचालित होने का मामला रविवार की रात उस समय उजागर हुआ, जब गृह से भागकर महिला थाना एक बालिका पहुंची। एसपी के निर्देश पर संस्था से 24 बच्चों व महिलाओं को मुक्त कराते हुए उसे सील कर दिया गया। साथ ही संचालिका, अधीक्षक समेत तीन को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि 18 बच्चे अभी भी इस संस्था से गायब है। जिनके बारे में जानकारी की जा रही है।
मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान के द्वारा संचालित बाल गृह बालिका, बाल गृह शिशु, विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण एवं स्वाधार गृह देवरिया की मान्यता को शासन ने स्थगित कर दिया है। इसके बाद भी संस्था में बालिकाएं, शिशु व महिलाओं को रखा जा रहा था। रविवार को बालिका गृह से बेतिया बिहार की रहने वाली एक बालिका प्रताड़ना के चलते भाग निकली।
किसी तरह वह महिला थाने पहुंची और थानाध्यक्ष से आपबीती बताई। एसपी के निर्देश पर पुलिस संस्था पर पहुंची और वहां से 24 बच्चों, महिलाओं को मुक्त कराया। देर रात पुलिस लाइन के मनोरंजन गृह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने कहा बताया कि वहां के बच्चों से बातचीत हुई है। उन्होंने 15 से 18 वर्ष की संस्था में रह रही लड़कियों से अवैध धंधा कराने की बात कही है। संस्था को सील कराते हुए वहां की अधीक्षका कंचनलता, संचालिका गिरिजा त्रिपाठी, मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
यह कही बालिका ने बात
प्रेसवार्ता के दौरान बालिका ने कहा कि दीदी लोगों को लेने के लिए हर दिन कार आती थी, जब वह वापस आती थी तो वह रोते हुए आती। जब हम लोग उनके दर्द को पूछना का प्रयास करती तो वह कुछ भी बोलने से इन्कार कर देती। उसने बताया कि छोटे-छोटे बच्चों से पोछा लगवाया जाता था। पोछा न लगाने पर हम लोगों की पिटाई भी बड़ी मैडम व छोटी मैडम करती थी। जब विरोध करते वह भोजन तक नहीं देते।