उत्तर प्रदेश

बच्चों की आंख तेजी से खराब कर रही है ऑनलाइन पढ़ाई

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Eye Problems During Online classes: कोरोना काल में ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन पढ़ाई को मजबूर बच्चों की आंखों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एक रिसर्च में ये निकल कर सामने आया है कि लगातार पढ़ाई से बच्चों की आंख तेजी से खराब हो रही है. इसका खतरा तीन गुना तक बढ़ गया है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने 700 बच्चों पर रिसर्च की थी जिनमें 200 बच्चों की आंखे सीवियर ग्रेड में पाई गई हैं.

कोविड काल में ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है. जानकारों की मानें तो लगातार मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप की स्क्रीन देखने के चलते बच्चों की आंखें सूखने लगी है. हाल ही में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने 700 बच्चों की आंखों पर रिसर्च की जिनमें 200 बच्चों की आंखे सीवियर ग्रेड में पाई गई हैं. बाकी बच्चों की आंखे पूरी तरह से ठीक नहीं पाई गईं यानि कोई न कोई खराबी उसमे ज़रूर मिली.

पहली लहर की तुलना में इस साल स्थिति ज्यादा चिंताजनक

जानकर बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस साल स्थिति ज्यादा चिंताजनक है. पहले बच्चों की आंखों के सूखने का समय 6 घंटे रहता था लेकिन दूसरी लहर के बाद अब ये घटकर ढाई से तीन घंटा ही रह गया है. दूसरी लहर के दौरान बच्चों और किशोरों में डिजिटल आई सिंड्रोम बीमारी का खतरा 2 से 3 गुना तक बढ़ गया है.

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में नेत्र रोग विभाग ने बच्चों की आंखों की समस्या को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की है उसके परिणाम बेहद चौकाने वाले है. इसमें सामने आया है कि ऑनलाइन पढ़ाई से मासूमों की आंखें जल्दी थक रही हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही मोबाइल पर गेम खेलना भी बच्चों के लिए मुसीबत बन रहा है. रिपोर्ट की मानें तो मोबाइल गेम से 2 से 15 साल तक के कई बच्चों के चश्मे का पावर बढ़ गया है. उनकी आंखों से पानी आना और खुजली तो सामान्य है. पढ़ाई के दौरान जलन के साथ धुंधलापन अच्छे संकेत नहीं है. टेस्ट के बाद करीब 200 बच्चों और किशोरों में धुंधला विजन सामने आने पर डॉक्टरों ने इसे खतरे की घंटी माना है.

बच्चों को हो रही हैं ये समस्याएं

जानकारों की माने तो इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहते है क्योंकि मोबाइल भी एक कंप्यूटर जैसी ही डिवाइस होती है. कंप्यूटर टेबलेट इ-रीडर और स्मार्टफोन के बच्चों द्वारा लंबे वक्त तक उपयोग करने से आंखों में चिकनाई खत्म होने लगती है. शुरुआती लक्षण में आंखों के तनाव से उलझन और बार-बार धुंधलापन होने की शिकायत सामने आती है. इसके बाद सिर दर्द, आंखों में सूखापन, पानी का बार बार निकलना, गर्दन पीठ और कंधे में दर्द होने लगता है. इसके शिकार बच्चे रोज़ हो रहे हैं.

अगर इन समस्याओं से बचना है तो कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी ग्लेयर चश्मे का इस्तेमाल, स्क्रीन को आंखों के लेवल से 20 डिग्री नीचे रखें, हर 2 घंटे के बाद 15 मिनट के लिए आंखों को आराम दें, 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक ले लें. बच्चों को सूखे मेवे, अलसी, सोयाबीन, ब्रोकली हरी सब्जियां फल और मछली खाने में जरूर दें. इससे काफी असर देखने को मिलेगा साथ ही सतर्कता भी बरतें.

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