उत्तर प्रदेश

रायबरेली में सोनिया गांधी की जगह स्मृति ईरानी बनी ‘दिशा’ अध्यक्ष

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<p style="text-align: justify;"><strong>रायबरेली:</strong> लोकसभा चुनाव के बाद जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष पद का चुनाव होता है और जिले के सांसद को उसका अध्यक्ष मनोनीत किया जाता है. बीते 16 सालों से सोनिया गांधी ही अनुश्रवण समिति दिशा की अध्यक्ष बनाई जाती रही हैं लेकिन इस बार सोनिया गांधी को दिशा का अध्यक्ष मनोनीत ना करके बल्कि अमेठी के सांसद दुआ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को रायबरेली दिशा का अध्यक्ष बना दिया गया. जिला प्रशासन के इस कदम से राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जिले में विकास को गति देने का काम करती है दिशा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">जनपद में विकास की गंगा बहाने के लिए जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति दिशा का गठन किया जाता है. जिसमें जिले के सांसद, सभी विधायकों, ब्लॉक प्रमुखों, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को समिति में जोड़ा जाता है. जिसकी समय-समय पर मीटिंग बुलाकर विकास के बारे में चर्चाएं व गति देने पर योजना बनाई जाती है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद से हटने पर तरह-तरह की है चर्चाएं</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सन 2004 से 2019 तक लगातार रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी को दिशा की अध्यक्ष मनोनीत किया गया. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद दिशा के अध्यक्ष का मनोनयन किया जाना था लेकिन चुनाव व अन्य कारणों से मनोनयन नहीं हो पायी लेकिन इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही माना जाता रहा. सन 2021 में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में दिशा के अध्यक्ष का मनोनयन हुआ लेकिन रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी को नहीं बल्कि अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को दिशा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;">जैसे इसकी जानकारी राजनीतिक गलियारे में पहुंची तो तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई. जानकारों की माने तो अमेठी लोकसभा का कुछ हिस्सा रायबरेली में भी आता है और वहां की सांसद केंद्रीय मंत्री भी हैं. इसलिए रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी को दिशा का अध्यक्ष ना बनाकर बल्कि अमेठी की सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को इसका अध्यक्ष बनाया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ईरानी के अध्यक्ष बनने पर क्या विकास की गति में आएगी तेजी</strong></p>
<p style="text-align: justify;">चर्चा तो यहां तक है कि रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी चुनाव जीतने के बाद रायबरेली की जनता का दुख दर्द भी जानने नहीं आती थी. दिशा की बैठक में भाग लेने कैसे आ सकती हैं? सांसद के अनुपस्थित में दिशा की बैठक अधूरी मानी जाती है और बिना बैठक के विकास कार्यों पर चर्चा होना भी असंभव माना जाता है. यही कारण रहा कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद से हटाकर स्मृति ईरानी को अध्यक्ष बना दिया गया. फिलहाल अब देखना यह है की स्मृति ईरानी को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति का अध्यक्ष बनाने के बाद जिले के विकास गति में क्या परिवर्तन होता है? खुद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अनुश्रवण समिति की बैठक में कितनी बार भाग लेती हैं?</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या कहते है कांग्रेस प्रवक्ता विनय</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कांग्रेस प्रवक्ता विनय द्विवेदी ने बताया की अमेठी लोकसभा का सलोन विधानसभा रायबरेली में आता है और अमेठी की सांसद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी है तो संवैधानिक मामलों में केंद्रीय मंत्री का दर्जा थोड़ा ऊंचा होता है. नियमतः 2 जिलों में दो अध्यक्ष होने चाहिए लेकिन सरकार ने दोनों जिलों में एक ही अध्यक्ष को बना दिया है. रही बात सोनिया गांधी जी की तो इससे&nbsp; उनके कद पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वो अंतरराष्ट्रीय स्तर की नेता है और जिले का विकास भी सोनिया गांधी ही करवा रही हैं. स्मृति ईरानी ने अभी तक एक भी ईंट नहीं लगवाई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी नेता उमेश सिंह का वक्तव्य</strong></p>
<p style="text-align: justify;">वरिष्ठ बीजेपी नेता व पूर्व ब्लाक प्रमुख उमेश प्रताप सिंह ने कहां जीतने के बाद सोनिया गांधी रायबरेली की जनता से मिलने तक तो आती नहीं विकास करना या उस पर रणनीति बनाना तो बहुत दूर की बात है. जबकि अमेठी सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जी अपने संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ रायबरेली के विकास पर भी अमल कर रही हैं. यही कारण है की जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति का अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी जी को बनाया गया है. सोनिया जी को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है अब जिले का विकास देखने योग्य होगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें.</strong></p>
<p style="text-align: justify;"><strong><a title="ICMR का दावा, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ से 95 और एक डोज़ से 82 फीसदी तक कम हो जाता है मौत का खतरा" href="https://www.abplive.com/news/india/icmr-claims-both-doses-of-corona-vaccine-reduce-the-risk-of-death-by-95-and-one-dose-by-82-percent-ann-1941395" target="">ICMR का दावा, कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ से 95 और एक डोज़ से 82 फीसदी तक कम हो जाता है मौत का खतरा</a></strong></p>

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