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बलिया. दहेज के लिए हत्या के मामले में एक स्थानीय अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने तीन साल पुराने इस मामले में मृतका के पति समेत पांच परिजनों को दोषी ठहराया.
पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा ने शनिवार को बताया कि बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के गंजरी शिवपुर दियर गांव के अशोक सिंह ने अपनी बेटी मीना की शादी हिन्दू रीति-रिवाज से फरवरी 2008 में बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के रोहुआ गांव के शेषनाथ सिंह के साथ की थी.
जलाकर हुई मीना की हत्या
उन्होंने बताया कि मीना की तीन अप्रैल 2018 को दहेज को लेकर ससुराल में जलाकर हत्या कर दी गयी. इस मामले में विवाहिता के पिता अशोक सिंह की शिकायत पर बांसडीह कोतवाली में पति शेषनाथ सहित पांच लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने पांचों आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया.
उन्होंने बताया कि अपर जिला जज नितिन कुमार ठाकुर के न्यायालय ने शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने व साक्ष्यों को देखने के बाद पति शेषनाथ उर्फ शेष बहादुर सिंह, ससुर सुरेश सिंह, सास तेतरी देवी व जेठानी सुनीता सिंह व सरिता सिंह को दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके अलावा अदालत ने प्रत्येक आरोपी को पांच हजार रुपये के अर्थ दण्ड से दण्डित किया. अर्थ दण्ड न अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त कारवास भुगतना होगा.
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