उत्तर प्रदेश

अयोध्या: संतों ने कांवड़ यात्रा स्थगित होने के फैसले किया स्वागत, बोले-आस्था जीवन से बड़ी नहीं

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Kanwar Yatra Cancelled in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा स्थगित किए जाने के बाद अयोध्या के संत समाज ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. संतों ने माना कि कोविड-19 की महामारी दो बार पूरे देश को प्रभावित कर चुकी है और इसमें अपने लोगों ने अपने परिजनों और प्रियजनों को खोया है. तीसरी लहर एक बार फिर आने वाली है और माना जा रहा है कि इस बार भी कोरोना की तीसरी लहर बेहद भयानक होगी जिसके मद्देनजर लगातार सरकारी तंत्र वैक्सीन लगाए जाने पर जोर दे रहा है. प्रचार प्रसार के जरिए मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग के साथ-साथ शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है. 

आवश्यक था निर्णय 
 संत समाज ने मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी पर लगाम लगाने के लिए ये निर्णय अत्यंत आवश्यक था. संत समाज ने कांवड़ संघ के लोगों से भी अपील की है कि लोग आसपास के शिवालयों में ही जलाभिषेक करें और वहीं से मानसिक पूजा कर ईश्वर से प्रार्थना करें. संत समाज ने कहा कि भगवान चाहेंगे तो वैश्विक महामारी के दौर का ये वर्ष अंतिम साबित होगा फिर इस तरह की दैविक आपदाएं नहीं आएंगी. 

यात्रा को स्थगित कर दिया गया
बता दें कि, पिछले 2 वर्षों से कोरोना की वजह से कांवड़ यात्रा नहीं निकाली जा रही थी और एक बार फिर कोरोना के को देखते हुए कांवड़ यात्रा स्थगित की गई है. पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा कराई जाएगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्वतः संज्ञान लेने के बाद कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है. 

पहले अपने आपको बचाना है
रामलला के पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए जितनी भी धार्मिक यात्राएं हैं वो स्थगित हो गई हैं. जरूरी ये है कि पहले अपने आपको बचाना है. भीड़ ना हो, लोग इकट्ठा ना हों, दूरी बनाए रहें और साथ ही साथ मास्क का भी प्रयोग करें. सरकार की इस व्यवस्था का भीड़ में पालन नहीं हो पाएगा. उत्तर प्रदेश के सरकार ने भी कोरोना के कारण  कांवड़ यात्रा को स्थगित किया है. 

जीवन की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
तपस्वी छावनी के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को स्थगित किया है. ये जन जीवन की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है. वैश्विक महामारी की वजह से जिस तरह से तमाम लोगों की जान गई है ऐसे में ये आवश्यक था कि आस्था के साथ-साथ लोगों की जीवन रक्षा पर भी ध्यान दिया जाए. ये बहुत अच्छा हुआ है. लोग अपने आसपास शिवालयों में ही भगवान भोलेनाथ की उपासना करें. आस्था जीवन से बड़ी नहीं है क्योंकि जीवन रहेगा तभी तो आस्था रहेगी. आस्था को बचाने के लिए जीवन को बचाना आवश्यक है. मुख्यमंत्री ने जो जीवन की रक्षा के लिए कदम उठाया है संत उसकी सराहना करते हैं, स्वागत करते हैं. 

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