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<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> दिल्ली में बीजेपी सांसदों की बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को न बुलाने को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इस बात के कयास कि क्या बीजेपी ने यूपी विधानसभा चुनाव में अगले चेहरे को लेकर संकेत दे दिए हैं या फिर अभी भी कोई गुंजाइश बाकी है? लेकिन काशी में पीएम मोदी का योगी की तारीफ करना और बुधवार को सांसदों की मौजूदगी में योगी का संबोधन बीजेपी की सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">उसी रणनीति के तहत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी बीजेपी के संगठन प्रमुखों की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नेता के रूप में पेश किया गया. इसे लीडरशिप इस्टेबलिशमेंट के रूप में भी देखा जा रहा है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यूपी सरकार में नेतृत्व को लेकर कयास</strong><br />दरअसल पिछले कुछ दिनों में यूपी सरकार में नेतृत्व को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए. दबी जुबान से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी संगठन के बीच गहरी खाई की बात भी सामने आई थी. ये अलग बात है कि किसी भी बड़े नेता ने पार्टी के अंदर किसी भी प्रकार के अंतर्विरोध को नहीं माना. लेकिन 12 जून को योगी का अचानक दिल्ली आना… फिर पीएम, एचएम, बीजेपी अध्यक्ष से मुलाकात और एके शर्मा को लेकर हुई हलचल ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया था.</p>
<p style="text-align: justify;">उसके बाद केशव प्रसाद मौर्य, स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई नेताओं के बयान कि अगले ‘मुख्यमंत्री का चयन केंद्रीय नेतृत्व करेगा’ वाले बयान ने राजनीति और तेज कर दी थी. लेकिन पहले काशी और अब दिल्ली में सांसदों की बैठक में योगी को तरजीह ने भविष्य के संकेत दे दिए हैं. दरअसल संगठन चाहता है कि ऐसी बैठकों के जरिए योगी आदित्यनाथ को लेकर बीजेपी नेताओं के मन मे व्याप्त आशंका को दूर किया जा सके. साथ ही उन्हें यूपी में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में स्थापित किया जा सके.<br /> <br />केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को इस बैठक में न बुलाना इस बात के संकेत हैं कि बीजेपी ने अगला चुनाव योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर लड़ने की तैयारी में जुट गई है. इसी के तहत संगठन के नेताओं के साथ होने वाली बैठकों में योगी आदित्यनाथ को ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जा रहा है. कल हुई बैठक में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का जिक्र किया और सभी सांसदों को ‘योगी आदित्यनाथ एवं विचार दर्शन’ पुस्तक भेंट की.</p>
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