उत्तर प्रदेश

मौत के आंकड़े छिपाने का खेल, कोरोना की दूसरी लहर में 500 मौतों का रिकॉर्ड अभी भी गायब

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Corona death Data missing in Kanpur Hospital: कोरोना की दूसरी लहर में मौतों के बढ़ते ग्राफ का दौर हर कोई देख चुका है. इन मौतों का डेट ऑडिट किया जा रहा है. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में हैलट अस्पताल में हुई मौतों का डेट ऑडिट पूरा कर शासन को रिपोर्ट भेज दी है. लेकिन शहर और आसपास के जिलों में निजी अस्पतालों में हुई मौतों का रिकॉर्ड अभी तक मेडिकल कॉलेज को नहीं भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो करीब 500 से ज्यादा मौतों का रिकॉर्ड अभी भी गायब है. 

मौत के आंकड़ों के छिपाने का किया गया काम

कोरोना की दूसरी लहर में मौतों के आंकड़ों को छुपाने का काम जमकर किया गया. जब हमने मौतों की आंकड़े बाजी को लेकर दस्तावेज जिम्मेदारों के सामने रखे तो परत दर परत खुलती चली गई. अब एक बार फिर से यह बात सामने आई है की दूसरी लहर में मेडिकल कॉलेज में डेथ ऑडिट पूरा कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है. लेकिन शहर और आसपास के जिलों में निजी अस्पतालों में हुई मौतों का रिकॉर्ड अभी तक मेडिकल कॉलेज को नहीं भेजा गया है. 

500 मौतों का नहीं मिला रिकॉर्ड

सूत्रों की माने तो ये मौतें, करीब 500 के आसपास बताई जाती हैं. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को कोरोना से मौतों का डेथ ऑडिट का जिम्मा बीते साल दिया गया है. पहली लहर की डेथ ऑडिट पूरी हो चुकी है लेकिन दूसरी लहर में मौतों की संख्या सबसे ज्यादा रही. दूसरी लहर के खत्म हुए दो महीने हो चुके हैं लेकिन अभी तक नर्सिंग होम संचालकों ने मेडिकल कॉलेज को मौतों का रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध कराया है. इनमें शहर समेत कन्नौज, कानपुर देहात, उन्नाव और फर्रुखबाद के निजी अस्पतालों में 500 के आसपास मौतों का रिकॉर्ड नहीं दिया गया.

बर्रा इलाके की संगीता डेथ सर्टिफिकेट के लिए भटक रही हैं 

अब आपको बर्रा इलाके में रहने वाली संगीता के बारे में बताते हैं. इनके पति संजय श्रीवास्तव की मौत दो महीने पहले हैलट अस्पताल में हुई थी. संगीता हैलट के लगातार चक्कर काट रही है लेकिन सीएमओ को पत्र लिखने के बावजूद आज तक उन्हें अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया गया. 

जबकि, मेडिकल कॉलेज में पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर आरबी कमल के समय दो नोटिस सभी को दी गईं थी. एक महीने बाद भी नर्सिंग होम संचालक ना तो कोई जवाब दे रहे हैं और ना ही मौतों का रिकॉर्ड दे रहे हैं. कुछ नए रिकॉर्ड ना होने की भी बात कही है, इसलिए अब डेथ ऑडिट टीम के प्रस्ताव पर प्राचार्य प्रोफ़सर संजय काला ने सभी जिलों के सीएमओ को पत्र भेजकर कोरोना से मौतों का रिकॉर्ड भिजवाने को कहा है. 

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