उत्तर प्रदेश

पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटर में तकनीकी खामियां, जांच कमेटी ने कही चौंकाने वाली बात

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Problems in Ventilators in Lucknow: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तैयारी में जुटी है. इसके लिए बच्चों के वेंटिलेटर का भी इंतजाम किया जा रहा है, लेकिन इसी तैयारी के तहत भेजे गए वेंटिलेटर बच्चों के इलाज में कारगर नहीं होने की बात सामने आई है. असल में पीएम केयर्स फंड के तहत चिकित्सा स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में वेंटिलेटर भेजे गए थे. शासन के निर्देश पर एसजीपीजीआई के टीम ने इन वेंटीलेटर्स के तकनीकी पहलुओं की जांच की. इस जांच रिपोर्ट की माने तो यह वेंटीलेटर 10 किलो वजन तक के बच्चों के इलाज में कारगर नहीं हैं. पीजीआई प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. वाहीं, ये जांच रिपोर्ट लीक होने से एसजीपीजीआई प्रशासन में खलबली मची है.

जांच कमेटी ने कहा बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं हैं वेंटिलेटर 

पीएम केअर फंड से एसजीपीजीआई, लोहिया, बलरामपुर समेत अन्य जगह वेन्टीलेटर्स भेजे गए हैं. एसजीपीजीआई में 40 वेंटीलेटर भेजे गए. इन वेन्टीलेटर्स की जांच के लिए बनी कमेटी ने जब विभिन्न तकनीकी पहलुओं को देखा तो उसमें कई कमियां मिली हैं. तकनीकी जांच में सामने आया कि यह वेंटिलेटर 10 किलो वजन तक के बच्चों के इलाज के लिए कारगर नहीं है. यहां तक कहा गया कि, 10 माह तक के बच्चों को इन वेंटिलेटर पर रखना खतरनाक हो सकता है. एक्सपर्ट टीम के अनुसार वेंटीलेटर सामान्य से अधिक आवाज करते हैं जिससे गंभीर मरीजों और स्टाफ को समस्या हो सकती है.

कंप्रेशर से आती है आवाज 

इसकी वजह से इलाज भी प्रभावित हो सकता है. इन वेंटीलेटर के कंप्रेशर से आने वाली आवाज काफी अधिक बताई गई है. वेंटिलेटर की तकनीकी जांच के लिए पलमोनरी मेडिसिन विभाग, एनेस्थीसिया विभाग और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के एक्सपर्ट्स ने अपनी अपनी रिपोर्ट दी है. तीनों विभागों ने अपनी रिपोर्ट में माना कि, यह वेंटीलेटर व्यस्क लोगों के लिए ही ठीक है. इमरजेंसी मेडिसिन विभाग ने तो यह तक कहा है कि, 10 किलोग्राम तक के बच्चे के लिए यह उपयुक्त नहीं. 

आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए सही नहीं 

तीनों ही विभागों के एक्सपर्ट ने यह माना कि, यह वेंटीलेटर काफी ज्यादा आवाज करते हैं. इन वेंटीलेटर का डिस्प्ले भी काफी छोटा है, जिससे वेंटीलेटर के विभिन्न पैरामीटर्स की प्रभावी मॉनिटरिंग में दिक्कत हो सकती है. वेंटिलेटर की फ्लो सेंसर क्वालिटी पर भी संदेह जताया गया है. रिपोर्ट में यह तक कहा गया है कि ये वेंटीलेटर इमरजेंसी में शॉर्ट टर्म वेंटीलेशन के लिए ठीक है लेकिन आईसीयू में भर्ती पेशेंट के लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते. टीम में शामिल एक एक्सपर्ट ने बताया कि, ऐसी महामारी की परिस्थितियों का सामना पहले नहीं किया. आगे भी तीसरी लहर को लेकर संभावना ही है. यही वजह है कि, इन वेंटीलेटर की जांच का फैसला लिया गया, जिससे कोई समस्या हो तो समय रहते दुरुस्त कर व्यवस्था सही रखी जाए. हालांकि, इस रिपोर्ट के बारे में जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना से बात की तो उन्होंने कहा कि सब ठीक है. कुल मिलाकर रिपोर्ट पर बात करने से बचते दिखे.

ये भी पढ़ें.

मुजफ्फरनगर: आफत की बारिश ने बरपाया कहर, मकान की छत ढहने से तीन लोगों की मौत, चार घायल

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button