उत्तर प्रदेश

मोहर्रम के सर्कुलर पर विवाद, शिया धर्मगुरु कल्बे जवाद ने दी प्रदर्शन करने की धमकी

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लखनऊ: मोहर्रम के सर्कुलर की भाषा को लेकर शिया धर्मगुरु उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से नाराज दिख रहे हैं. इसकी वजह ये कि, मोहर्रम को लेकर डीजीपी मुकुल गोयल की तरफ से जारी सर्कुलर की भाषा पर उन्हें आपत्ति है. शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने तो प्रदेश की मोहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी मीटिंग में शामिल न होने का आदेश तक दे डाला है.

हालांकि, एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सर्कुलर में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है. अगर किसी को नाराजगी है तो संवाद से समाधान निकाला जाएगा. हमारे अधिकारी धर्मगुरुओं से बातचीत कर रहे हैं. मोहर्रम को लेकर डीजीपी मुकुल गोयल की तरफ से जारी सर्कुलर की भाषा पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ी आपत्ति जताई है.

सर्कुलर की भाषा शैली जज्बातों को भड़काने वाली है- धर्म गुरू

धर्म गुरुओं का कहना है कि सर्कुलर की भाषा शैली जज्बातों को भड़काने वाली है. सर्कुलर में शिया सुन्नी को लेकर जो बातें लिखी गई हैं, वह आपत्तिजनक हैं. शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने सर्कुलर की भाषा बदलने की मांग की है. उन्होंने प्रदेश की मोहर्रम कमेटियों को पुलिस की किसी भी मीटिंग में शामिल न होने के लिए कहा है. साथ ही सर्कुलर की भाषा न बदलने पर उन्होंने प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है.

उधर, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि सर्कुलर में ऐसी कोई भी बात नहीं लिखी गई है जिससे किसी भी वर्ग या संप्रदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हों. उन्होंने कहा कि बीते 3 साल से मोहर्रम की गाइडलाइन को लेकर यही सर्कुलर जारी किया जा रहा है. इस बार सर्कुलर में कोविड प्रोटोकॉल को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन शामिल की गई है. उन्होंने कहा कि सर्कुलर को लेकर कोई विवाद नहीं है और सभी जनपद के पुलिस अधिकारी धर्म गुरुओं के संपर्क में हैं. उन्होंने संवाद से समाधान निकालने की बात कही.

सर्कुलर की इन बातों पर है आपत्ति

मौलाना कल्बे जवाद ने सर्कुलर में लिखी कुछ बातों पर नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि सर्कुलर में शिया समुदाय के लोगों द्वारा तबर्रा पढ़े जाने पर सुन्नी समुदाय कड़ी आपत्ति व्यक्त करता है जबकि मातम और गम के प्रतीक मोहर्रम में कोई शिया तबर्रा नहीं पड़ता. सर्कुलर में यह भी लिखा है शिया वर्ग के असामाजिक तत्व पतंगों एवं आवारा पशुओं पर तबर्रा लिख देते हैं जो बिल्कुल गलत है.

सर्कुलर में लिखा है मोहर्रम सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील है और शिया समुदाय के अराजक तत्व गड़बड़ियां करते हैं. यौन संबंधी घटनाएं और गोवंश वध होता है. इससे ऐसा लग रहा है कि जुलूस के दौरान ऐसी घटनाएं होती हैं जो गंभीर आरोप है. मौलाना का कहना है कि इस सर्कुलर से पूरे प्रदेश में शिया सुन्नी समुदाय में कटुता पैदा हो गई है.

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