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UP Unlock: प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में 16 अगस्त से एक बार फिर ऑफ लाइन क्लास शुरू होंगी. हालांकि इससे पहले 15 अगस्त को स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. इसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. लेकिन इस शासनादेश को लेकर अभिभावकों में नाराजगी है. वजह है इसमें ऑनलाइन क्लास का विकल्प न दिया जाना. अभिभावकों का कहना है कि, कोरोना के इन हालात में बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य करने जैसा शासनादेश जारी किया गया है.
अभिभावकों का तर्क
अभिभावकों का कहना है कि, शिक्षण संस्थान खोलने की घोषणा के वक्त डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा था कि, अभिभावकों की सहमति से ही छात्र छात्राओं को बुलाया जाएगा. इसके अलावा अटेंडेंस का भी दबाव नहीं डाला जाएगा. लेकिन शासनादेश में इसका कहीं जिक्र नहीं. इसके अलावा ऑनलाइन क्लासेज की वही शासनादेश में कोई व्यवस्था नहीं है, यानी स्कूल चाहे तो ऑनलाइन क्लास चलाये या नहीं. जो स्कूल ऑनलाइन क्लास नहीं चलाएंगे वहां बच्चों को भेजना मजबूरी हो जाएगा. भले स्कूल सहमति ले भी ले लेकिन अगर ऑनलाइन का विकल्प ही नहीं होगा तो अभिभावक क्या करेंगे.
ऑनलाइन क्लासेज का विकल्प
अभिभावक कल्याण समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंह का कहना है कि, शासनादेश में संशोधन कर ऑनलाइन क्लासेज का विकल्प दिया जाना चाहिए. कोरोना की तीसरी संभावित लहर का खतरा है. इसमे बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. इस बात को ध्यान में रखकर शासनादेश होना चाहिए. इसके अलावा अभिभावक संघ को स्कूलों के निरीक्षण की अनुमति दी जाए जिससे वो खुद व्यवस्थाओं को देख सके.
बच्चों की सुरक्षा रखा जाएगा ध्यान
इस मामले में यूपी अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि, बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा. अभिभावक स्कूलों पर विश्वास करे. गुरुवार को एसोसिएशन ने एक वर्चुअल बैठक रखी है, जिसमे प्रदेश भर से विभिन्न स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी, स्कूल संचालक व प्रिंसिपल जुड़ेंगे. उसमे स्कूल संचालन, ऑनलाइन क्लासेज समेत अन्य विषयों पर चर्चा करके निर्णय लिया जाएगा.
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