उत्तर प्रदेश

राम मंदिर भूमि पूजन की पहली वर्षगांठ, जानें कैसा रहा विवादों का एक साल

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है. मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को आज एक साल पूरा हो गया है. आज ही के दिन यानी 5 अगस्त को बीते साल पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या पहुंचकर राम मंदिर की आधारशिला रखी थी. 

राम मंदिर के भूमि पूजन की पहली सालगिरह के खास मौके पर अयोध्या में भव्य कार्यकर्मों का आयोजन किया जाएगा. सीएम योगी आदित्यनाथ इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. योगी अयोध्या में रामलला की भव्‍य आरती करेंगे. इसके साथ ही वो हनुमानगढ़ी जाकर पूजा अर्चना भी करेंगे. योगी इसके बाद राम मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा भी लेंगे.

इस मौके पर सीएम योगी ने गुरुवार को एक ट्वीट भी किया. योगी ने लिखा कि प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि श्री अयोध्या जी में भारत की सकल आस्था के केंद्र-बिंदु व सभी के आराध्य प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु हुए हुए भूमि-पूजन के प्रथम वर्षगांठ की सभी को बधाई! प्रभु श्री राम की कृपा सभी पर बनी रहे। जय श्री राम!

एक साल में सामने आए ये विवाद
राम मंदिर भूमि पूजन की पहली सालगिरह के मौके पर अयोध्या में जश्न मनाया जा रहा है. हालांकि, इस एक साल के दौरान कई विवाद भी सामने आए. मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद में घोटाले और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए.

कुछ महीने पहले सपा नेता तेजनारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय ने जमीन खरीद में घोटाले के आरोप लगाए थे. तेजनारायण ने अयोध्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि 18 मार्च 2021 को जमीन का बैनामा दो करोड़ रुपये में हुआ. फिर 10 मिनट बाद जमीन का एग्रीमेंट 18.5 करोड़ रुपये में हुआ. एग्रीमेंट और बैनामा दोनों में ही ट्रस्टी अनिल मिश्र और मेयर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह हैं. सपा नेता ने सवाल उठाए कि कुछ ही मिनटों में दो करोड़ की जमीन साढ़े 18 करोड़ रुपये की कैसे हो गई. सपा नेता के आरोपों के बाद अन्य दलों के नेता भी सरकार पर हमला बोलने लगे.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राम मंदिर के नाम पर खरीदी जा रही जमीन के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. कांग्रेस ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग भी की थी.

हालांकि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने इन आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया था. चंपत राय ने सफाई देते हुए कहा था कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जितनी भूमि खरीदी की है. वो खुले बाजार की कीमत से बहुत कम रेट पर खरीदी गई है. 

ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद को लेकर एक और विवाद सामने आया. दरअसल, ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि से सटे फकीरे राम मंदिर की जमीन को खरीदा था. इस जमीन के  स्वामित्व को लेकर झगड़ा कोर्ट में पहुंच गया. संतोष दुबे नाम के शख्स ने जमीन बेचने वाले रघुवर शरण के स्वामित्व के अधिकार को चुनौती दी थी. उन्होंने कोर्ट के सामने जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करना, देशभर में मंदिर की जमीन पर रिसीवर नियुक्त करना, मंदिर को नुकसान ना पहुंचाने और मंदिर में भगवान को नियमित भोग राग जारी रखने जैसी कई मांगें भी रखी.

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