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देहरादून: ऋषिकेश में तीन दिनों तक चले कांग्रेस के विचार मंथन शिविर के बाद अब पार्टी उत्तराखंड चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इस बार प्रत्याशियों को लेकर उन सीटों पर भी फोकस किया जा रहा है जो कांग्रेस 2017 में कम वोटों से हारी थी. इसके साथ ही प्रत्याशियों के कांग्रेसी बैक ग्राउंड और क्षेत्र में उनकी सक्रियता पर भी मंथन चल रहा है.
जानकारी ये भी है कि बीजेपी ने चुनाव में बचे कम समय को देखते हुए अपना इंटरनल सर्वे शुरू कर दिया है. वहीं कांग्रेस भी इस बार सत्ता में वापसी के लिए हर सीट पर प्रत्याशी का चयन बड़े मंथन के बाद करने जा रही है. 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस करीब दो दर्जन ऐसी सीटों पर हारी थी, जहां हार का मुकाबला बेहद कम वोटों का रहा.
कांग्रेस को जीत की किरण
2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन इतना खराब रहा जिसकी कांग्रेस ने कभी कल्पना भी नहीं की थी. वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली का मानना है कि जिस सरकार के पास प्रचंड बहुमत रहा हो और 4 साल में तीन सीएम बदलने पड़े हों, यह मुद्दा भी कांग्रेस के लिए बड़ा है. इसको देखते हुए जहां कांग्रेस को जीत की किरण नजर आ रही है. वहीं बीजेपी को भी अपनी 2017 वाली साख को बरकरार रखना है.
उधर कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी रहे हीरा सिंह बिष्ट की माने तो कांग्रेस चुनाव को लेकर मंथन कर रही है. बिष्ट का मानना है कि जिताऊ प्रत्याशी के साथ ही ऐसे प्रत्याशी को टिकट कांग्रेस देने जा रही है जो अपने क्षेत्र में सक्रिय है. ऐसी सीटें जहां कांग्रेस जीत के करीब रही उन प्रत्याशियों पर फिर से 2022 चुनावों में कांग्रेस जीत का दांव खेलेगी. साथ ही क्षेत्र में सक्रिय नेताओं को भी टिकट देकर मौका दिया जाएगा.
कांग्रेस के पास चुनावों में जनता के बीच लेकर जाने वाले मुद्दों की भरमार है. यही वजह भी है कि कांग्रेस को अपनी जीत की किरण दिखाई दे रही है. दूसरी ओर बीजेपी को 2017 वाली साख बरकरार रखनी है. देखने वाली बात ये दिलचस्प होगी कि बीजेपी के पांच साल का कामकाज जनता को लुभाएगा या फिर कांग्रेस जिन मुद्दों पर बीजेपी को घेर रही है उन मुद्दों को जनता के बीच ले जाकर जनता का विश्वास जीत पाएगी.
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