उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में खतरे के निशान को पार कर गई हैं गंगा और यमुना, डूब गए हैं हजारों मकान 

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Prayagraj Flood: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. दोनों नदियां आज सुबह से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. दोनों नदियों में आई बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचा रखी है. बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. हजारों लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों और दूसरी सुरक्षित जगहों पर शरण ली हुई है. तमाम लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात कर दी है, जो लगातार राहत और बचाव का काम कर रही हैं. 

अधिकारी ले रहे हैं जायजा 
डीएम संजय कुमार खत्री समेत दूसरे अधिकारी खुद ग्राउंड जीरो पर उतर कर हालात का जायजा ले रहे हैं. दोनों नदियां आज भी 3 से 4 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही हैं. सरकारी अमले का कहना है कि जलस्तर बढ़ने का ये ट्रेंड अगले दो से तीन दिनों तक और जारी रहेग. बाढ़ की वजह से हजारों मकान डूब गए हैं. कई सड़कों और रास्तों पर नाव चल रही हैं. 

लोगों को निकाला गया 
सरकारी अमला लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा है. डीएम संजय कुमार खत्री और दूसरे अधिकारियों ने एनडीआरएफ की टीम के साथ आज कई क्षेत्रों का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया और वहां फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकलवाया.

लगातार की जा रही है निगरानी 
बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के बाद एबीपी गंगा चैनल से की गई खास बातचीत में डीएम संजय कुमार खत्री ने बताया कि राहत और बचाव का काम व्यापक स्तर पर किया जा रहा है. फंसे हुए लोगों को नावों के जरिए बाहर निकालने की व्यवस्था की गई है. बाढ़ राहत केंद्रों में लोगों के रुकने और खाने के इंतजाम किए गए हैं. लगातार निगरानी की जा रही है.

लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए लोगों को नाव के जरिए बाहर निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. लोग परिवार समेत नाव पर चढ़कर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. तमाम लोग तो जरूरतों का सामान भी नाव पर लादकर बाढ़ राहत केंद्रों या किसी परिचित के यहां शरण लेने के लिए जा रहे हैं. सड़कों और गलियों में पर्याप्त संख्या में नाव के इंतजाम किए गए हैं. 

पानी में डूबे मंदिर 
बाढ़ की वजह से घरों में रह रहे लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि लोगों की आस्था भी प्रभावित हो रही है. सावन के पवित्र महीने में भी कई मंदिर बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूबे हुए हैं. इन मंदिरों तक जाने वाले रास्तों पर भी पानी भरा हुआ है. दारागंज इलाके में प्राचीन दशाश्वमेध मंदिर और उसके बगल स्थित आदि गणेश मंदिर की पहली मंजिल पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूबी हुई है. पुजारी और मंदिर में काम करने वाले कर्मचारी पहली मंजिल पर रहकर प्रतीकात्मक तौर पर पूजा अर्चना कर रहे हैं.

मुस्तैदी से काम कर रही है एसडीआरएफ की टीम
बाढ़ की तबाही के बीच जहां हजारों लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम करते हुए पीड़ितों के बीच देवदूत बनकर उभरी है. एसडीआरएफ के जवान लगातार नावों से भ्रमण कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल रहे हैं. लाउड हेलर के जरिए अनाउंसमेंट कर लोगों को टीम पहुंचने की जानकारी दी जा रही है. लोगों से ये अपील की जा रही है कि वो घबराएं नहीं और जो भी मदद चाहिए वो उनसे ले सकते हैं और फंसे हुए लोग अपने सामानों के साथ सुरक्षित जगहों पर बाहर जा सकते हैं.

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