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Aligarh Muslim University: यदि आप अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्कूलिंग करना चाहते हैं तो सावधान हो जाइए. कहीं यहां की स्कूल बोर्ड की डिग्री आपके बच्चे का भविष्य ना खराब कर दे. जी हां, हम इसे यूं ही नहीं कह रहे. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने सेना में भर्ती के लिए आवेदन किया और बाकायदा फिजिकल टेस्ट पास किया लेकिन उसके बाद उसको सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि एएमयू का स्कूल बोर्ड सेना की पंजीकृत बोर्ड की लिस्ट में नहीं था. अब छात्र परेशान है कि वो आखिर करे तो करे क्या. उसने इस मामले को जल्द ही सरल करने की मांग उठाई है ताकि अन्य छात्रों का भविष्य खराब ना हो. वहीं, एएमयू के अन्य छात्र नेताओं ने भी एएमयू प्रशासन से जल्द ही मामले में दखल देने की मांग की है ताकि छात्रों के सामने समस्याएं ना आएं.
छात्र के सामने खड़ी हो गई है समस्या
दरअसल, राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला छात्र मुर्सलीन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से स्कूलिंग करने के बाद अब ग्रेजुएशन कर रहा है. मुर्सलीन ने यहां से 10th और 12th किया है. उसने राजस्थान के कोटा में सेना में भर्ती के लिए अप्लाई किया था. वहां फिजिकल पास करने के बाद भी सेना ने उसको इसलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उसकी 10th और 12th की जो मार्कशीट थी वो एएमयू बोर्ड की थी और सेना की पंजीकृत बोर्ड लिस्ट में एएमयू का नाम नहीं था. सेना ने इस बोर्ड को अनऑथराइज्ड बोर्ड बताया है. इससे अब मुर्सलीन के सामने समस्या खड़ी हो गई है.
AMU प्रशासन सही करें फॉल्ट
पीड़ित छात्र मुर्सलीन ने बताया कि अजमेर में आर्मी की रैली कंडक्ट हुई थी. ये रैली ARO कोटा की तरफ से कराई गई थी, उसमें वो अपीयर हुआ था और फिजिकल हो गया था. उसके बाद जब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की बात आई तो मुझे निकाल दिया गया. 12thकी मार्कशीट दिखाई तो बताया कि तुम्हारा एएमयू बोर्ड हमारी लिस्ट में एग्जिस्ट नहीं करता है इसलिए आपको बाहर निकाला जा रहा है. छात्रा ने कहा कि उसने वहां कई चीज दिखाई लेकिन वो नहीं माने. प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कुछ और डॉक्यूमेंट भेजे लेकिन बात नहीं बनी. छात्र ने कहा कि जो भी फॉल्ट है उसको AMU प्रशासन सही करे. इससे अन्य छात्रों का भी भला होगा.
संज्ञान में आया मामला
मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ मोहम्मद वसीम अली ने बताया कि ये बात हमारे संज्ञान में आई है और वे लड़का मिला भी था. बता रहा था कि राजस्थान में उसने आर्मी में फिजिकल टेस्ट क्वालीफाई कर लिया था. उसके बाद में जो आगे प्रोसेस होना था, जो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है. डॉक्यूमेंट वेरीफाई कराने गया तो उन्होंने कहा कि एएमयू बोर्ड हमारी लिस्ट में नहीं है. लिहाजा उसके उसको डॉक्यूमेंट वेरीफाई करने से मना कर दिया. वो लड़का यहां आया था. AMU प्रशासन के लोगों से मुलाकात की और उससे रिलेटेड जो हमारे पास प्रूफ हैं. डॉक्यूमेंट हमने उपलब्ध करा दिए हैं. बाकी उसके बाद अगर वो नहीं मानते हैं तो फिर आगे देखेंगे क्या करना है. उम्मीद है कि वो मान जाएंगे.
एएमयू के छात्र नेताओं ने कही ये बात
पीड़ित छात्र के समर्थन में एएमयू के अन्य छात्र नेता भी उतर आए हैं. उन्होंने कहा कि देश की जिस यूनिवर्सिटी को दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में माना जाता हो. जिस यूनिवर्सिटी में आकर इस देश के वजीरे आजम श्री नरेंद्र मोदी आकर कहते हैं कि है ये मिनी इंडिया है, तो उस यूनिवर्सिटी को सेना में रजिस्टर्ड ना होना बहुत बड़ा सवाल है. हम इसके पीछे का रीजन जानना चाहते हैं. हम मांग करते हैं कि ये अगर रजिस्टर्ड नहीं है तो उसको रजिस्टर्ड करवाया जाए ताकि बच्चों का भविष्य में दिक्कत ना हो.
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