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Nag Panchami 2021: देशभर में आज नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस अवसर पर मसूरी नाग मंदिर द्वारा स्थापना दिवस मनाया गया. नाग पंचमी के अवसर पर मसूरी और आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मसूरी के नाग मंदिर पहुंचे और नाग मंदिर में स्थापित 500 साल पुरानी मूर्ति का दुग्धाभिषेक कर नाग देवता के दर्शन किये.
क्या है मान्यता?
मसूरी स्थित नाग मंदिर करीब 500 साल पुराना बताया जाता है. इसकी एक मान्यता भी है. कहा जाता है कि भट्टे गांव की एक गाय अक्सर सुबह इस जगह पर (जहां इस वक्त नाग मंदिर स्थापित है) आती थी और एक पत्थर को अपने थन से दूध चढ़ाती थी. जब गांववालों ने गाय के दूध के बारे में पता किया तो वो भी हैरान रह गए. गांववालों को पता चला कि यह गाय एक पत्थर को अपना दूध चढ़ाती है. गांववालों ने पत्थर को हटाया तो वहां पर नाग देवता की पिंडलियां थी और साक्षात नाग देवता विराजमान थे.
तब से इस जगह को सिद्ध पीठ के रूप में माना जाने लगा. वर्तमान में मंदिर को विशाल और भव्य बनाया गया है. नागपंचमी के दिन मसूरी और आसपास के शहरों, गांवों से भारी संख्या में लोग यहां नाग देवता के दर्शन करने के लिये आते है और मन्नत मांगते है.
न्याय का देवता भी माना जाता है.
ग्रामीण राकेश रावत ने बताया कि उनके कुल देवता नाग हैं. ऐसे में प्राचीन काल का यह मंदिर उनके लिए अनोखा है. साथ ही बताया कि जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है. वहीं इस क्षेत्र के दर्जनों गांव के ये कुल देवता हैं. वहीं इनको न्याय का देवता भी माना जाता है. जब भी गांव में कोई परेशानी या किसी प्रकार का विवाद हो जाता है तो नाग देवता की शरण में आते हैं. जहां पर नाग देवता स्वयं न्याय करते हैं.
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