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नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सोमवार शाम ( 20 सितंबर) को आई. जिसने भी ये खबर सुनी उसे यकीन नहीं हुआ कि नरेंद्र गिरि फांसी लगा सकते हैं और ना अब हो रहा है, क्योंकि कई लोगों शक है कि ये आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है… इसे सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया… क्योंकि महंत नरेंद्र गिरि की मौत के सारे डाड्स को जोड़ेंगे तो साजिश की कई परत दिखाई देंगी और अब इसकी जांच एसआईटी को सौंपी है, जो बाघम्बरी मठ के अंदर हुई इस खौफनाक साजिश का सच पता लगाएगी, लेकिन सवाल बड़ा है कि क्या आत्महत्या के लिए उकसाना हत्या करने जैसा जुर्म नहीं है, क्योंकि इसमें उस शख्स को इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वो अपनी जान ले ले.
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