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UP Assembly Election 2022: यूपी (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमाम राजनीतिक दल प्रबुद्ध सम्मेलन कर रहे हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने दावा किया है कि देश में ऐसे सम्मेलनों की शुरुआत सबसे पहले पार्टी ने ही की थी. प्रबुद्ध सभा के प्रदेश अध्यक्ष और सपा विधायक मनोज पांडेय ने मंगलवार को यहां कहा “कुछ लोग प्रबुद्ध वर्ग का झंडाबरदार होने का दावा कर रहे हैं. उन्हें शायद यह मालूम नहीं है कि देश में प्रबुद्ध सम्मेलनों की शुरुआत समाजवादियों ने ही की और देश का सबसे पहला प्रबुद्ध सम्मेलन जनवरी 1997 में रायबरेली में हुआ था. उस प्रबुद्ध सम्मेलन को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रहे जनेश्वर मिश्र और तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने संबोधित किया था.”
बहराइच के महसी क्षेत्र में मंगलवार को सपा के प्रबुद्ध सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करने के बाद उन्होंने कहा कि 1997 में शुरुआत होने के बाद सपा ने नवम्बर 2018 में प्रबुद्ध सम्मेलनों का दूसरा चरण और 2020 में तीसरा चरण आयोजित किया था. अब 2021 में इन सम्मेलनों का चौथा चरण चल रहा है.
बीजेपी सरकार को ब्राह्मण विरोधी करार देते हुए पांडेय ने कहा कि सरकार जिन ब्राह्मणों की हत्या करवा रही है, उसी ब्राह्मण कुल के मंगल पांडे ने 1857 के आंदोलन में अंग्रेजों के विरुद्ध जंग का बिगुल फूंका था. ब्राह्मण के स्वाभिमान की बात आई तो चाणक्य ने धनानंद को गद्दी से उतारकर पिछड़े समाज के चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बना दिया था.
पांडेय ने कहा, “प्रदेश भर में हो रहे प्रबुद्ध सम्मेलनों के माध्यम से हम अपने उस प्रबुद्ध और ब्राह्मण समाज के बीच जा रहे हैं, जिसने देश में कभी एक तपस्वी, कभी साहित्यकार, कभी कवि, कभी बड़ा वैज्ञानिक तो कभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बनकर देश को नई दिशा और सही दिशा देने का काम किया है.”
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