उत्तर प्रदेश

नरेन्द्र गिरि को ब्लैकमेल करने वाली तस्वीर कहां है? पुलिस पूछताछ में आनंद गिरी ने दिया ये जवाब

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Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की कथित खुदकुशी के मामले में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पुलिस की कड़ी जांच के बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम की शुरुआती तफ्तीश के बाद मौत की वजह साफ हो चुकी है यानी फांसी. लेकिन, अब तक जांच फांसी यानी खुदकुशी की वजह पर हो रही है.

फोटो की बात से आनंद गिरि का इनकार

नरेन्द्र गिरि खुदकुशी केस में अब तफ़्तीश ब्लैकमेलिंग के एंगल पर हो रही है कि आखिर अगर कोई फ़ोटो है, जिससे उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था तो वो फोटो कहां है, किसके पास है? इसको लेकर आनंद गिरि से पूछताछ की गई, लेकिन उसने फोटो की बात से इनकार कर दिया.

महंत नरेंद्र गिरि का एक वीडियो पुलिस के पास है, जो उनके मोबाइल से मिला है. उसमें भी इन तीनों गिरफ़्तार आरोपियों का नाम लिया है, सुसाइड नोट की बातें भी वीडियो में बोली है. ये वीडियो जिस शिष्य से उन्होंने शूट करवाया था उसका पता लगाया जा रहा है और उसके बयान दर्ज होंगे.

पुलिस ने कब्जे में ली सल्फास की गोलियां

सूत्रों के मुताबिक, फांसी लगाने से पहले 13 सितम्बर को सल्फास की गोली खाकर महंत नरेन्द्र गिरि आत्महत्या करना चाहते थे. पुलिस को कमरे से सल्फास की गोलियां मिली हैं, जो महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य से मँगवाईं थी. फांसी के लिये जो रस्सी थी वो भी शिष्य से मंगवाई थी. सल्फास की गोलियां पुलिस ने कब्जे में ली है.

पोस्टमार्टम में नहीं चोट के निशान

पोस्टमार्टम के अनुसार, महंत नरेंद्र गिरि की मौत का समय 20 सितंबर को दोपहर 3 से 4 बजे के बीच का है. शरीर पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं है. सूत्रों के मुताबिक,  महंत नरेंद्र गिरि इस बात को लेकर भी परेशान थे कि जब उन्हें कोरोना हुआ था तो उनका सबसे प्रिय शिष्य आनंद गिरी उनसे मिलने नहीं आया था,  जबकि कई अन्य शिष्यों ने उस दौरान महंत की काफी सेवा की थी.

आनंद गिरि ने बताया है कि मई में गुरु नरेंद्र गिरि से समझौता हो जाने के बावजूद दोनों में दूरियां थी. दोनों की आपस में बात नहीं हुई. पुलिस सीडीआर को जांच रही है कि क्या आनंद गिरी सच बोल रहा है.

किसने लिखा सुसाइड नोट?

पुलिस ने सुसाइड नोट को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. मौके से महंत नरेन्द्र गिरि के लिखे कई दस्तावेज मिले, जिन्हें कब्जे में लेकर हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को सौंपा गया है. रिपोर्ट आने के बाद साफ होगा कि आखिर सुसाइड नोट नरेंद्र गिरि ने खुद लिखा या किसी और से लिखवाया था.

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