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Prayagraj में बाघम्बरी मठ में धूलरोट की परंपरा निभाई गई। धूल रोट की परंपरा Narendra giri की भू-समाधि के तीसरे दिन निभाई गई। वहीं मठ में मौत के पांचवें दिन खाना बना है। इसके साथ ही मठ के कर्मचारी और कुछ स्थानीय लोगों के साथ-साथ साधु संतों को भोजन कराया गया।
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