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महंत नरेंद्र गिरि की वसीयत को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। खबर के मुताबिक उन्होंने तीन बार अपनी वसीयत बदली है। वकील ऋषि शंकर द्विवेदी की मानें तो नरेंद्र गिरि ने पहली वसीयत साल 2010 में तैयार की थी। जो कि बलवीर गिरि के पक्ष में की गई थी। दूसरी वसीयत 29 अगस्त 2011 आनंद गिरि के पक्ष में की गई थी। वहीं अंतिम वसीयत 4 जून 2020 को तैयार की गई थी। इसके अलावा वसीयत को लेकर वकील ऋषि शंकर द्विवेदी ने क्या नए खुलासे किए। देखिए उनके एक्सक्लूसीव बातचीत.
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