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Rakesh Tikait on Bharat Bandh: भारत बंद (Bharat Bandh) के आह्वान को लेकर एबीपी गंगा (abp ganga) से खास बातचीत में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार को सोचना है कि यह आंदोलन किस दिशा में जाए. वहीं प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के समर्थन मूल्य में 25 रुपये की बढ़ोत्तरी को लेकर कहा कि ये बढ़ोतरी महंगाई को देखते हुए ऊंट के मुंह में जीरा है. टिकैत ने गन्ने के बढ़े समर्थन मूल्य को लेकर कहा कि इस महंगाई को देखते हुए गन्ने का बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य बेहद कम हैं क्योंकि किसान डीजल, बिजली, बीज की महंगाई की मार से जूझ रहा है. ऐसे में ₹25 की बढ़ोतरी किसान के लिए ऊंट के मुंह में जीरा है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत बंद से किसी आम जनता को कोई परेशानी नहीं होगी. कई रास्ते खुले हैं. जनता इधर उधर से निकल सकती है लेकिन अब सरकार को सोचना होगा कि यह आंदोलन किस दिशा में जाए. किसान पिछले 10 महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं लेकिन सरकार है कि किसानों से बातचीत करने को तैयार नहीं है. एबीपी गंगा से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कई दौर की बातचीत किसान नेताओं से कर चुकी है, लेकिन सरकार बात मानने को तैयार ही नहीं है तो ऐसे में बातचीत का सिलसिला कैसे शुरू होगा.
हम बातचीत के लिए तैयार हैं- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हमें फोन के जरिए, मेल के जरिए बातचीत की सूचना दे सकती है. हम बातचीत के लिए तैयार हैं. सरकार जब चाहे बैठकर वार्तालाप कर सकती है क्योंकि इसका हल बातचीत के जरिए ही निकल सकता है. अब यह सरकार को सोचना है कि वह बातचीत करने के मूड में है या फिर इस आंदोलन को चलने देना चाहती है. एबीपी गंगा ने जब राकेश टिकैत से पूछा कि आखिरकार किसान और सरकार का तालमेल कब बनेगा तो उन्होंने कहा, जब बनेगा तो आपको बता देंगे. अभी सरकार के हाथ में है कि वह किसानों से तालमेल बनाना चाहती है या नहीं.
इशारों-इशारों में किसान नेता राकेश टिकैत ने यह जरूर साफ कर दिया कि जब तक सरकार किसानों से बात नहीं करती उनकी मांगों को नहीं मानती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
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