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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पांच कालीदास मार्ग स्थित अपने आवास से ‘मीजिलस रुवेला टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, राज्य मंत्री स्वाति सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि पंचायती ग्राम विकास, नगर विकास इन सभी विभागों ने मिलकर इन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन के अभियान में काफी हद सफलता पायी है और मैं इन आंकड़ों को देखता हूं। क्योंकि मैं विगत 25 वर्षां से इन्सेफ्लाइटिस से जुड़ी हुई पीडि़त इन बच्चों को देखता था। उस आंदोलन का मैं हिस्सा था तो मैं प्रतिवर्ष इस बात का अनुभव करता था। इन्सेफ्लाइटिस से अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पांच सौ से छह सौ बच्चे भर्ती होते थे। सवा सौ से 150 बच्चे इस बीमारी के चपेट में आकर मरते थे। लगभग इतने ही बच्चे शारीरिक व मानसिक दिव्यांगता के शिकार होते थे और एक बड़ी संख्या में वहां दुर्व्यव्वस्था के शिकार होने के कारण लोगों में आक्रोश भी होता था।
विगत वर्ष जब हम सत्ता में आये तो हम इस बीमारी के खिलाफ इस बात को जानता था कि अगर हम लोग कुछ सावधानियां बरत लें स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, टीककरण के प्रति के इस अभियान को अगर हम जनपद में लागू कर सकें। तो इन्सेफ्लाइटिस की समस्या का समाधान हो सकता है। मात्र डेढ़ वर्ष चले अभियान का परिणाम इस वर्ष देखने को मिला है।
इस अगस्त महीने विगत 40 वर्षां से गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चे भर्ती होते थे। इस वर्ष के अगस्त माह में 86 बच्चे भर्ती हुए थे। वहीं, अगस्त माह में इस बीमारी से सवा सौ से डेढ़ सौ बच्चों की मौत होती थी। तो इस अगस्त माह में मात्र छह बच्चों की मौत हुई है। अगर डेढ़ सौ से आकड़े छह पर आ सकते हैं। तो छह सौ से घट करके इन्सेफ्लाइटिस से पीडि़त बच्चों की छह सौ से 86 हो सकती है तो मेरा मानना है कि अगर सभी विभाग टीम वर्क के साथ काम करें तो इंस्फेलाइटिस का उन्मूलन संभव है। लेकिन सभी विभागों को अपने जिम्मेदारी निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम बीमारियां है, जिनके समाधान की दिशा में एक विशेष अभियान सभी विभागों को मिलकर चलाना है। हमारी समस्या क्या हो जाती है कि हम एक कार्य के लिए एक ही सम्बन्धित एक विभाग को जिम्मेदार मान लेते हैं। अगर एक व्यक्ति बीमार है तो उसे स्वास्थ्य विभाग और परिवार कल्याण विभाग ही उस कार्य को देखते हैं, बाकि पंचायती राज्य, ग्राम विकास, नगर विकास महिला और बाल विकास ये सब उसके पार्ट नहीं बन पाते हैं। जबकि इन सबको एक-दूसरे से मिलकर इस स्वास्थ्य सम्बधी सभी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। कहा कि कोई भी व्यक्ति उस वक्त अवस्थ्य होगा, जब उनके खानपान, आसपास का परिवेश, रहन-सहन ठीक नहीं रहेगा। हमें उन सब चीजों की चिंता करना है।
उन्होंने बताया कि ‘मीजिलस रुवेला टीकाकरणÓ अभियान में 41 करोड़ बच्चों को इस अभियान का हिस्सा बनाना है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य होने के चलते आठ करोड़ बच्चे इसका हिस्सा बनेंगे और हमें इस अभियान का हिस्सा बनने की उपलब्धि होगी। अपितु इसकी सफलता हम सबके लिए उपलब्धि और पूर्ण का कार्य बनेगी। इस एक और अभियान में खसरा और रुबेला से मुक्त करने का जो पांच सप्ताह का यह कार्यक्रम हैं इसमें शिक्षा विभाग की बड़ी भूमिका हो सकती है। आज एक पवित्र अभियान से जुड़े भविष्य बनाने में सभी की सहभागिता हो, ऐसी अपेक्षा करता हूंं।