उत्तर प्रदेश

खास है लखीमपुर खीरी की कस्ता विधानसभा सीट, यहां कांग्रेस और बसपा का नहीं खुला है खाता 

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Lakhimpur Kheri Kasta Assembly Seat: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) की कस्ता विधानसभा सीट (Kasta Assembly Seat) 2012 परिसीमन में नवनिर्मित सुरक्षित सीट बनी थी. 2012 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के अनुसार इस विधानसभा में कुल मतदाता (Voters) 2 लाख 91 हजार के करीब हैं. इस विधानसभा से सुनील कुमार लाला (Sunil Kumar Lala) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक बने थे और बसपा (BSP) के सौरभ सिंह सोनू (Saurabh Singh Sonu) को हराया था. तीसरे स्थान पर कांग्रेस (Congress) के बंशीधर राज (Banshidhar Raj) थे और चौथे स्थान पर भाजपा (BJP) की कृष्णा राज थी. सुनील कुमार लाला को 45. 29 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि सौरभ सिंह सोनू को 31.55 फीसदी वोट मिले थे. 

भाजपा ने मारी बाजी
2017 में कस्ता विधानसभा सीट पर दूसरी बार चुनाव हुए. इस चुनाव में बसपा से भारतीय जनता पार्टी में पहुंचे सौरभ सिंह सोनू ने सुनील कुमार लाला को हराया और पिछली हार का बदला लिया. इस चुनाव में सपा के सुनील लाला दूसरे स्थान पर रहे और बसपा के राजेश गौतम तीसरे स्थान पर रहे. वहीं, भाकपा से अरविंद कुमार को 1997 मत मिले तो निर्दलीय रमेश चंद्र को कुल 995 वोट मिले थे. 2017 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत 70.24 प्रतिशत रहा था और विजेता को 92824 वोट मिले थे. 

कुल मतदाता
कस्ता विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति के करीब एक लाख, ओबीसी एक लाख 21 हजार, सामान्य 49 हजार, अन्य के 10 हजार वोट हैं.  

ये हैं प्रभावशाली नेता

भारतीय जनता पार्टी के विधायक सौरभ सिंह सोनू पीएम मोदी और सीएम योगी के नाम पर ही चुनाव लड़ेंगे. इनको राजनीति विरासत में मिली है. इनके पिता जुगल किशोर कभी मायावती के खास माने जाते थे. सौरभ सिंह युवा प्रत्याशी होंगे और युवाओ में इनकी खास पैठ मानी जाती है.

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सुनील कुमार लाला ने कई काम करवाए थे. 2012 विधानसभा में तहसील भी स्वीकृत कराई थी, सड़कें भी बनवाई हैं और ये खुद व पार्टी की छवि से चुनाव लड़ेंगे. 

बसपा के राजेश गौतम पिछली बार चुनाव लड़े थे लेकिन उनकी मृत्यु के बाद अब तीन-चार लोग अन्य दावेदार हैं. हालांकि यहां से कभी बसपा जीत नहीं पाई है. बसपा का मतदान भी कम होता रहता है. 

कांग्रेस से पिछली बार बंशीधर राज चुनाव लड़े थे लेकिन वो भी सपा में चले गए. कांग्रेस में अभी तक एक-दो दावेदार हैं. लेकिन, उनकी छवि भी चिंताजनक है. इस इलाके में वोटर भी अन्य पार्टियों की तरफ देखना पसंद कर रहे हैं. 

कस्ता विधानसभा सीट के मुद्दे
कस्ता विधानसभा में आवारा पशुओं से लोग परेशान हैं. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए दिन रात खेतों की रखवाली में लगे रहते हैं. वहीं, विधानसभा में डग्गामार वाहन भी बड़ी परेशानी हैं और आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. शिक्षा के मामले में भी ये क्षेत्र पिछड़ा है, यहां बालिकाओं के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. युवा बेरोजगार हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बेहतर नहीं हैं. किसान परेशान हैं, हालांकि कई योजनाओं से इनको लाभ मिला है. फिलहाल, यहां पर मोदी फैक्टर काम करेगा. 

जनता सपा के साथ है
इस बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक सुनील कुमार लाला ने कहा कि 2012 में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी. पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी. जो वादे किए थे, सब के सब पूरे किए गए. भाजपा के लोगों ने जनता को गुमराह करने का काम किया, किसानों को ठगने का काम किया, नौजवानों के साथ धोखा किया, व्यापारियों को भी ठगा गया. सपा चुनाव हार गई. भाजपा के झूठ बोलकर के अपनी सरकार बना ली और हम हार गए. उन्होंने कहा कि इस बार फिर हम लोग चुनाव मैदान में आ गए हैं. जनता इस बार समाजवादी पार्टी के साथ में खड़ी है. हम लोग इस बार झूठ से पर्दा उठाने का काम कर रहे हैं. पूरी ताकत के साथ हम लोग अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने का काम करेंगे. जनता समाजवादी पार्टी के साथ है, अखिलेश यादव के साथ है. 

विकास के नाम पर लड़ेंगे चुनाव 
वहीं, मौजूदा विधायक सौरभ सिंह सोनू ने कहा कि 2017 में चुनाव जीतने के बाद विद्यालय का नवनिर्माण कराया गया है, चिकित्सा की कमियों को दूर किया गया है. भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम किया गया है. 2022 में हमारा उद्देश्य है कि विकास के नाम पर जनता के पास जाकर वोट मांगेंगे. 

ये भी पढ़ें:

Explained: नेताओं को मिली लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत, प्रियंका गांधी और संजय सिंह हुए रिहा, जानें- मामले में अबतक क्या क्या हुआ

कांग्रेस के आक्रामक रुख से झुकी योगी सरकार, राहुल-प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाने की अनुमति

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button