उत्तर प्रदेश

BJP के लिए चुनौती होगा 29 साल का सूखा खत्म करना, निर्णायक भूमिका में हैं मुस्लिम मतदाता

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UP Assembly Election 2022: यूपी (Uttar Pradesh) की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी (BJP) को अमरोहा (Amroha) सीट पर आगामी विधानसभा चुनाव में चमत्कार की उम्मीद है. साल 1993 से अब तक बीजेपी का कोई उम्मीदवार यहां कमल नहीं खिला पाया है. मुस्लिम उम्मीदवार इस सीट पर बीजेपी का समीकरण बिगाड़ते रहे हैं. यही वजह है कि 2002 से लगातार महबूब अली यहां से विधायक चुनते आ रहे हैं. 

निर्णायक भूमिका में मुस्लिम मतदाता
महबूब अली के जीतने का कारण 60 फीसदी मुस्लिम आबादी होना है. जबकि यहां हिंदू मतदाताओं की संख्या 40 फीसदी ही है. अमरोहा विधानसभा में करीब तीन लाख 15 हजार के वोटर हैं.

इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवारों की प्रबल दावेदारी में नगर पालिका चेयरमैन के बेटे निखिल जैन, डॉक्टर एसके सैनी और हाजी इकरार का नाम है. हाजी इकरार अंसारी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. अमरोहा नगर विधानसभा में सबसे बड़ी मुस्लिम बिरादरी मे अंसारी की संख्या ज्यादा है. कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार में सलीम खान एडवोकेट और आम आदमी पार्टी से शहजाद हाशमी हो हैं. बसपा से नावेद अयाज प्रबल दावेदारी में हैं. अयाज की खास तौर पर अमरोहा जिले में युवाओं में अच्छी खासी पकड़ है. अमरोहा नगर में पिछले कुछ विधानसभा चुनाव में किस पार्टी का क्या हाल रहा है वो हम आपतो बताते हैं.

साल 2002 में अमरोहा विधानसभा से परिवर्तन दल से महबूब अली विधायक बने थे. वह विधायक बनने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. जिसके बाद अमरोहा नगर की सीट पर लगातार महबूब अली का ही कब्जा है. 2002 में परिवर्तन दल से महबूब अली का मुकाबला आरएलडी के उम्मीदवार हरि सिंह ढिल्लो से हुआ था जिसमें महबूब अली को 59314 मत मिले थे और हर सिंह ढिल्लो को 50042 मत मिले थे. महबूब अली ने 9332 मत से अपनी जीत दर्ज की थी.

2007 में हुई कांटे की टक्कर
2007 में महबूब अली ने अमरोहा नगर विधानसभा से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के मंगल सिंह सैनी से था. मुकाबला कांटे का था. लिहाजा, महबूब अली को 42,115 वोट मिले औ मंगल सिंह को 41737 वोट. इस तरह सपा के उम्मीदवार महबूब अली ने 378 वोटों से नजदीकी जीत दर्ज की.

2012 में एकतरफा जीते महबूब अली
2012 में सपा ने एक बार फिर महबूब अली को चुनावी मैदान में उतारा. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के राम सिंह सैनी के साथ था. महबूब अली ने बड़ी बढ़त बनाते हुए 60,807 वोट हासिल किए थे. वहीं, राम सिंह सैनी को सिर्फ 39002 वोट ही मिले थे. चुनाव जीतते ही समाजवादी सरकार ने महबूब अली को मंत्री बनाया था.

2017 में त्रिकोणीय रहा मुकाबला
2017 के मुकाबला त्रिकोणीय रहा. सपा के महबूब अली और बसपा से नौशाद इंजीनियर में कांटे की टक्कर रही. हालांकि, महबूब अली ने 21,041 वोटों से नौशाद इंजीनियर को मात दी.

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