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Chief Ministers Salary in India: साल 2022 में गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले है. चुनाव के दौरान अक्सर लोगों के मन में एक सवाल आता है कि मुख्यमंत्री की सैलरी कितनी होती है. क्या सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सैलरी एक होती है?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है. भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं. हर राज्य के मुख्यमंत्रियों की सैलरी अलग-अलग होती है. हर दस साल में मुख्यमंत्रियों की सैलरी में बढ़ोतरी की जाती है.
मुख्यमंत्रियों की सैलरी और भत्ते का निर्धारण राज्य विधानमंडल द्वारा किया जाता है.
प्रधानमंत्री देश का प्रधान होता है वैसे ही मुख्यमंत्री अपने राज्य का प्रधान होता है. आमतौर पर लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति की सैलरी सबसे अधिक होती होगी उसके बाद प्रधानमंत्री की. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सैलरी प्रधानमंत्री से ज्यादा है.
वहीं मुख्यमंत्रियों की सैलरी की बात करें तो तेलंगाना के सीएम को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. उसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली के सीएम और तीसरे नंबर पर यूपी के सीएम है.
आइए जानते हैं किस राज्य के मुख्यमंत्री को कितनी सैलरी मिलती है.
राज्य सीएम की मासिक सैलरी
- त्रिपुरा 1,05,500 रुपये
- नागालैंड 1,10,000 रुपये
- मणिपुर 1,20,000 रुपये
- असम 1,25,000 रुपये
- अरुणाचल प्रदेश 1,33,000 रुपये
- मेघालय 1,50,000 रुपये
- उड़ीसा 1,60,000 रुपये
- उत्तराखंड 1,75,000 रुपये
- राजस्थान 1,75,000 रुपये
- केरल 1,85,000 रुपये
- सिक्किम 1,90,000 रुपये
- कर्नाटक 2,00,000 रुपये
- तमिलनाडु 2,05,000 रुपये
- पश्चिम बंगाल 2,10,000 रुपये
- बिहार 2,15,000 रुपये
- गोवा 2,20,000 रुपये
- पंजाब 2,30,000 रुपये
- छतीसगढ़ 2,30,000 रुपये
- मध्यप्रदेश 2,30,000 रुपये
- झारखंड 2,55,000 रुपये
- हरियाणा 2,88,000 रुपये
- हिमाचल प्रदेश 310,000 रुपये
- गुजरात 3,21,000 रुपये
- आंध्र प्रदेश 3,35,000 रुपये
- महाराष्ट्र 3,40,000 रुपये
- उत्तर प्रदेश 3,65,000 रुपये
- दिल्ली 3,90,000 रुपये
- तेलंगाना 4,10,000 रुपये
इसके अलावा मुख्यमंत्रियों को अलग से भत्ते भी दिए जाते हैं. मुख्यमंत्री को सरकारी आवास, फोन बिल और गाड़ी समेत कई अन्य सुविधाएं भी मिलती है.
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कम सैलरी मिलती है वहीं तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के के मुख्यमंत्रियों को सबसे अधिक सैलरी मिलती है. इन तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तनख्वाह राज्यपाल की तुलना में अधिक है.
मुख्यमंत्री की नियुक्ति-
संविधान में मुख्यमंत्री की नियुक्ति और उसके निर्वाचन के लिए किसी विशेष प्रक्रिया के बारे में नहीं दिया है. केवल अनुच्छेद 164 में यह बताया गया है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा. लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि राज्यपाल किसी भी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दे. राज्यपाल केवल राज्य विधानसभा में बहुमत दल के नेता को ही मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकता है, लेकिन जब किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो राज्यपाल अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करता है. ऐसी परिस्थिति में वह बड़े दल के नेता को बहुमत साबित करने का मौका देता है.
संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सदस्य होना चाहिए. आमतौर पर मुख्यमंत्री निम्न सदन यानी विधानसभा का सदस्य होता है.
अगर कोई मुख्यमंत्री सदस्य दोनों सदनों में से किसी भी सदन का सदस्य नहीं है. तो उसे छः महीने के भीतर किसी भी सदन का सदस्य बनना होगा.
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