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उत्तरकाशी में भी इसबार की रामलीला बेहद खास है। क्योंकि इसबार गढ़वाली भाषा में रामलीला का मंचन किया गया है। गढ़वाली भाषा में रामलीला का अनुवाद करने में एक साल का समय लग गया।
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