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BJP MP objectionable statement on Lakhimpur incident: बीजेपी के राज्यसभा सांसद हरद्वार दुबे ने फिर विवादित बयान दिया है. उनके मुताबिक लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को प्रदर्शन करने पहुंचे लोग किसान नहीं बल्कि आतंकवादी थे. हरद्वार दुबे ने एबीपी गंगा के कैमरे पर सवाल खड़े किए और कहा कि आखिर क्या वजह थी कि वहां मौजूद लोग सरदार ही थे और अन्य जातियों के लोग इस आंदोलन में क्यों नजर नहीं आए? लखीमपुर में केवल सरदार ही किसान नहीं है, बल्कि अन्य लोग भी खेती का काम करते हैं. हरद्वार दुबे ने आगे कहा कि, यह सब आतंकवादी थे, क्योंकि मुझे जानकारी है कि भिंडरावाले का आंदोलन भी वहीं से शुरू हुआ था. उन्होंने सवाल खड़े किए कि भीड़ में किसानों के भेष में आतंकवादी मिले हुए थे और आखिर ऐसी क्या वजह थी कि पड़ोसी जिलों से केवल सरदार ही आए.
एनएसए के तहत होगी कार्रवाई
एबीपी गंगा संवाददाता ने जब उनसे पूछा कि, यह किसान नहीं आतंकवादी हैं तो क्या एनएसए के तहत कार्रवाई होगी तो सांसद हरद्वार दुबे ने स्पष्ट कहा कि मौका आने पर इनके खिलाफ एनएसए भी लगेगा.
कुल मिलाकर एक बार फिर से सांसद हरद्वार दुबे ने बीजेपी को संकट में डाल दिया है. इससे पहले वह लखनऊ में राज्यसभा सांसद के तौर पर नामांकन के वक्त ब्राह्मण समुदाय के दूसरे दलों में जाने के सवाल पर विवादित बयान दे चुके हैं.
कौन है भिंडरावाले जिनका जिक्र कर रहे हैं सांसद दुबे
हरद्वार दुबे जिस भिंडरावाले का जिक्र कर किसानों को आतंकवादी बता रहे हैं. दरअसल, उस भिंडरावाले का पूरा नाम जरनैल सिंह भिंडरावाले था और 70 के दशक में पंजाब में जब अलगाववाद की आग फैल रही थी उस समय अमृतसर के शौक मेहता इलाके में एक बच्चा सिख धर्म की पढ़ाई करने पहुंचा और सिख धर्म के प्रति समर्पण और कट्टर वादी विचारों की वजह से धीरे धीरे उसने सिख समुदाय में अपनी पहचान बना ली. बाद में जरनैल सिंह भिंडरावाले के अलग सिख राज्य बनाने की मांग जोर पकड़ी और पंजाब हिंसा की आग में जलने लगा. बाद में 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के जरिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में पनाह लिए भिंडरावाले और उसके साथियों का सफाया किया.
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