उत्तर प्रदेश

रावण का किरदार ऐसा भाया कि बनवा दी लंका मीनार, कुतुबमीनार के बाद सबसे ऊंची मीनारों में है शामिल

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Lanka Minar in Jalaun: पूरे देश में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस त्योहार को लोग बुराई पर अच्छाई के रूप में मनाते हैं. वहीं, जालौन में रावण से जुड़ी ऐसी एक कहानी है. जिसे सुनकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. यहां पर रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले शख्स को लंकेश का पात्र इतना पसंद आया कि उसने कालपी में लंका का निर्माण करा दिया और सबसे अहम बात यह है कि, दिल्ली की कुतुबमीनार के बाद यह ऊंची मीनारों में शामिल है.
 

लंका मीनार में है रावण का परिवार

बता दें कि, जालौन जिले के कालपी में यह लंका मीनार स्थित है. इस मीनार में रावण और उनके परिवार के पूरे सदस्यों की प्रतिमाएं मौजूद हैं. इस मीनार की ऊंचाई 210 फीट है. जिसे मथुरा प्रसाद निगम नाम के शख्स ने लगभग 2 लाख रुपये खर्च कर बनवाया था. मथुरा प्रसाद ने रामलीला में कई सालों तक रावण का किरदार निभाया. रावण का किरदार उनके मन में इस कदर बैठ गया कि, उन्होंने इस लंका मीनार का निर्माण करा दिया. 1875 में इस मीनार का निर्माण कराया गया था. मीनार के ठीक सामने शिव मंदिर बना हुआ है, क्योंकि रावण भगवान शिव के उपासक थे. मीनार में ऊपर तक पहुंचने के लिए सात फेरे लेने पड़ते हैं, शास्त्रों के अनुसार यहां भाई-बहन का जाना वर्जित है. मीनार के निर्माण में कौड़ी, शंख, उर्द की दाल व अन्य सामग्रियों का उपयोग किया गया था. 


Lanka Minar in Jalaun: रावण का किरदार ऐसा भाया कि बनवा दी लंका मीनार, कुतुबमीनार के बाद सबसे ऊंची मीनारों में है शामिल

कुतुबमीनाऱ के बाद सबसे ऊंची मीनार 

दिल्ली की कुतुबमीनार की ऊंचाई 237 फीट है, जबकि इस लंका मीनार की ऊंचाई 210 फीट है. लंका मीनार से लेकर मंदिर परिसर में रावण के पूरे परिवार के साथ ही सैकड़ों देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं मौजूद हैं. यहां 100 फीट के कुंभकर्ण और 65 फीट ऊंचे मेघनाद की प्रतिमाएं हैं. यहां से 12 माह 24 घंटे रावण की दृष्टि शिवलिंग पर पड़ती रहती है. यहां 180 फीट लंबी नाग देवता की मूर्ति भी स्थापित है.

रावण के किरदार ऐसा भाया कि बनवा दिया लंका मीनार

वहीं, इतिहासकार के पी सिंह ने बताया कि, रामलीला में रावण का किरदार निभाने वाले मथुरा प्रसाद निगम को यह रोल इतना पसंद आया कि, रावण के सद्गुणों से प्रभावित होकर लंका का निर्माण कराया. यह लंका करीब 150 वर्ष पुरानी है. लंका के ऊपरी भाग तक पहुंचने में 7 फेरे लेने पड़ते हैं, इसलिए हिन्दू रिवाज के हिसाब से भाई बहन का यहां जाना वर्जित है. लंका में रावण के साथ मेघनाथ और कुम्भकरण की प्रतिमाएं मौजूद हैं, चूंकि भगवान शिव रावण के आराध्य देव थे, इस वजह से लंका के ठीक सामने शिव मंदिर बनवाया गया है. 

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