उत्तर प्रदेश

राकेश परिवार का गढ़ है भगवानपुर विधानसभा सीट, विधायक ममता राकेश का रिपोर्ट कार्ड

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Bhagwanpur Assembly seat: हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वहीं, भगवानपुर विधानसभा को राकेश परिवार की राजनीति का गढ़ माना जाता है. भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र से 2015 से कांग्रेस की मौजूदा विधायक ममता राकेश हैं. 2015 के उपचुनाव में इस सीट से ममता राकेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंची थी. तब यह सीट ममता राकेश के पति स्व: कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र राकेश के निधन के कारण खाली हुई थी. विधायक ममता राकेश के पति सुरेन्द्र राकेश ने 2007 और 2012 में बसपा के टिकट पर इस विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस को हरा कर अपना कब्जा जमाया था. लेकिन 7 फरवरी 2015 को बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी ममता राकेश ने विरासत संभाली और क्षेत्र की जनता की सेवा मे लग गई. वहीं, भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र राजनीति के क्षेत्र में राकेश परिवार का गढ़ माना जाता है.

भगवानपुर विधानसभा सीट पर हैं इतने मतदाता

1लाख 16 हज़ार 407 मतदाता

भगवानपुर विधानसभा की समस्या

1.औद्योगिक क्षेत्रों में ड्रेनेज सिस्टम की कमी

2. भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज का नहीं हुआ निर्माण

3. डिग्री कॉलेज की दरकार

4. कई सड़क खस्ताहाल

5. तहसील भवन का निर्माण

मेडिकल कॉलेज नहीं बन पाया 

वहीं, भगवानपुर क्षेत्र की जनता की विकास कामों को लेकर काफी उत्साहित है, जिसमे विधायक के कामों से कुछ लोग बहुत खुश और कुछ नाखुश नज़र आए हैं. वहीं, कांग्रेस विधायक ममता राकेश का कहना है कि, कई सड़कें राज्य योजना के तहत पास कराकर बनवाई हैं, जिन पर कुछ पर काम पूरा हो चुका है. साथ ही कुछ सड़कों पर काम अभी जारी है. जनता का कहना है कि, भगवानपुर में अभी मेडिकल कॉलेज बनने का सपना अधूरा है, क्योंकि विपक्ष विधायक होने के कारण राज्य सरकार फाइल दबाए बैठी है. विधायक ममता राकेश ने कहा कि, भगवानपुर क्षेत्र के लिए जो विकास कार्यों का सपना मेरे स्व. पति सुरेन्द्र राकेश का था उसे जरूर पूरा किया जाएगा.

बीजेपी नेता ने कहा-फेल हैं ममता 

वहीं, रनर अप रहे बीजेपी नेता और उनके देवर सुबोध राकेश का कहना है कि, भगवानपुर की कांग्रेस विधायक ममता राकेश विकास कार्यो के मामलों में फेल हो चुकी हैं. क्षेत्र में विकास कार्यों पर विधायक के नाम कोई उपलब्धि नहीं है. उन्होंने कहा कि, करीब 7 साल ममता राकेश को विधायक बने हो चुके हैं, लेकिन विधायक निधि का पैसा खर्च नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि, अगर वह 2017 का विधानसभा चुनाव जीत जाते तो अपने भाई स्व. सुरेन्द्र राकेश के सपनों को जरूर पूरा करते. उन्होंने कहा कि, उनके जितने भी सपने अधूरे हैं, उनका छोटा भाई सुबोध राकेश 2022 मे विधायक बनकर पूरा करूंगा.

वहीं, सुबोध कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, और बीजेपी टिकट पर सुबोध राकेश ने 2017 विधानसभा चुनाव में अपनी भाभी कांग्रेस विधायक ममता राकेश के खिलाफ चुनाव लड़ा और बीजेपी से हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस से ममता राकेश ने 2513 वोटों से जीत दर्ज की थी.

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