उत्तर प्रदेश

झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों को दे रही आमदनी का नया जरिया, बुंदेलखंड में नई पहचान

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Strawberry Production Jhansi: झांसी से सटे गांव भोजला में डीएम आंद्रा वामसी ने झांसी ऑर्गेनिक्स खेत पर स्ट्रॉबेरी के पौधों का रोपण देखा. बुंदेलखंड में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर झांसी को एक नई पहचान और किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ आमदनी का एक नया जरिया भी दिया. जिलाधिकारी ने खेत पर भ्रमण करते हुए कहा कि, बुंदेलखंड के किसान भी स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए आगे आएं. स्ट्रॉबेरी की खेती क्षेत्र के साथ ही किसानों को भी एक नई पहचान दिलाएगी और किसान की आय भी दोगुनी करेगी. उन्होंने कहा कि, शासन द्वारा स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए अनुदान के साथ ही साथ स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है, किसान स्ट्रॉबेरी की खेती में रुचि लें, यह एक लाभदायक खेती है.
   

किसानों को लाभ

उन्होंने कहा कि, क्षेत्र में कृषि आधारित प्रोसेसिंग उद्योग की स्थापना से भी किसान को सीधा लाभ होगा, यहां का उत्पादन एकदम रसायन मुक्त और शुद्ध है. किसान की आय दोगुनी हो तो जरुरी है कि जो फसल पैदा हो उसकी वैल्यू एडीशन करना होगा. उसका उपभोग करें. उन्होंने कहा कि आजकल लोग न्यूट्रींस का ध्यान रखते हैं और ऐसी चीजे पंसद करते है जो शरीर के लिये लाभकारी हो. हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिये बुन्देलखण्ड की कृषि पर फोकस करना होगा, यहां जैविक खेती के कारण लोगों को उत्पाद पर विश्वास बढ़ा है.
 

स्ट्रॉबेरी की खेती में रुची लें

उन्होंने कहा कि, क्षेत्र व किसान दोनों का विकास संभव हो, इस में एफपीओ का महत्वपूर्ण योगदान है, इसका लाभ लें. स्वयं सहायता समूह का सहयोग लें, विशेष रुप से महिला स्वयं सहायता समूह स्ट्रॉबेरी की खेती में अधिक रुचि लें तभी बुन्देलखण्ड का समुचित विकास होगा. उन्होने बताया कि, बुंदेलखंड के जनपद झांसी में अनूठे प्रयोग से स्टॅाबेरी को हिन्दुस्तान में नये प्रोड्क्स के नाम से जाना जा रहा है.

जिलाधिकारी ने स्ट्रॉबेरी के खेती का सफल प्रयोग कर झांसी को एक नई पहचान दिलाने वाले ट्रांसपोर्टर हरजीत सिंह चावला, हैप्पी चावला के भोजला स्थित झांसी ऑर्गेनिक्स खेत का भ्रमण किया और धर्मपत्नी वर्षा आंद्रा वामसी के साथ स्ट्रॉबेरी के पौधों की रोपाई को भी देखा. उन्होंने ड्रिप सिंचाई के माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की खेती की जा सकती है, और कम पानी में भी अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है इसका प्रदर्शन देख प्रसन्नता व्यक्त की. स्ट्रॉबेरी की खेती पर नाबार्ड द्वारा सहायता दी जाएगी.

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