उत्तर प्रदेश

बीएसपी सुप्रीमो मायावती के गांव के लोगों ने कहा, वक्त के साथ नीतियों में बदलाव जरूरी

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Badalpur Village in Greater Noida: 2022 के चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने वक्त के साथ चलते हुए अपनी नीतियों में भी बदलाव करना शुरू कर दिया है, लेकिन इस बदलाव का पार्टी को कितना फायदा होगा यह जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम बसपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पैतृक गांव बादलपुर पहुंची. जहां प्रधान समेत कई गणमान्य लोगों से बात कर उनकी राय जानने की कोशिश की.

सर्वसमाज की बात 

बहुजन समाज पार्टी ने 2022 के चुनाव को देखते हुए सर्व समाज की बात करनी शुरू कर दी है. प्रदेश भर में प्रबुद्ध सम्मेलन कर ब्राह्मण वर्ग को साधने की कोशिश की तो, वहीं, अगडा और पिछड़ा सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने की कवायद शुरू कर दी है.

एक वक्त था कि, बहुजन समाज पार्टी चुनाव से पहले कभी घोषणा पत्र जारी नहीं करती थी, लेकिन आज स्थिति यह है कि पार्टी हर जनसभा में हर सम्मेलन में सत्ता में आने के बाद पार्टी के कार्यशैली को बता रही है. कार्यकर्ताओं को समझा रही है कि, पार्टी की विचारधारा क्या है, सत्ता में आने के बाद पार्टी किस तरह से काम करेगी. साथ ही वक्त के साथ चलते हुए पार्टी अब सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हो गई है.

टिकट बंटवारे पर देना होगा ध्यान 

इन्हीं सब बदलाव को लेकर एबीपी गंगा की टीम ने मायावती के पैतृक गांव बादलपुर के लोगों से बात की. ये जानने की कोशिश की, इस बदलाव को वे किस नजर से देखते हैं, यह जानने की कोशिश की तो ग्रामीणों ने बताया कि ये बदलाव बहन जी को पहले ही कर लेने चाहिए थे, क्योंकि हर राजनीतिक दल को सभी समाज को साथ में लेकर चलना ही होगा, तभी वह सत्ता में काबिज हो सकती है. यही वजह है कि, लोगों ने कहा देर से आए लेकिन दुरुस्त आए. वह बहन जी के साथ हैं, लेकिन चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर भी बहन जी को ध्यान देना होगा कि, सही और अच्छे प्रत्याशी का चुनाव करें ताकि जनता उन्हें ज्यादा से ज्यादा वोट करें.

बहन जी का साथ देने की बात 

ग्राम प्रधान से लेकर सभी ग्रामीणों ने बहन जी का साथ देने की बात कही, लेकिन उनकी विचारधारा और उनके कार्यकर्ताओं की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि, वक्त के साथ पार्टी की नीति और विचारधारा भी बदलनी चाहिए थी, लेकिन नहीं बदली जिसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ा, लेकिन अब बदलाव हुआ है इसका फायदा पार्टी को जरूर मिलेगा.

वहीं, प्रधान से लेकर ग्रामीणों तक सभी ने भारतीय जनता पार्टी की रणनीति की सराहना करते हुए कहा कि, जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता बूथ स्तर तक सक्रिय है, उस तरह से बहुजन समाज पार्टी का कार्यकर्ता सक्रिय नहीं है. यहां नेता साढ़े 4 साल तक गायब रहते हैं और जब चुनाव आता है तो वह अपने घरों से निकलते हैं, इसलिए पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं को जमीन पर उतारना होगा, लोगों के पास भेजना होगा. साथ ही पार्टी और आम जनता के बीच समन्वय स्थापित हो सके.

बीजेपी विधायक का वार 

लोगों का मानना था कि, अगर पार्टी इन नीतियों पर चलेगी तो वह दिन दूर नहीं जब बसपा अपने पुराने किले को फिर से मजबूत करने में कामयाब होगी. दादरी से बीजेपी विधायक तेजपाल नागर का कहना है बहुजन समाज पार्टी चाहे जितने बदलाव कर ले चाहे जितनी नीतियां बदल ले, लेकिन वह मोदी और योगी के विकास कार्यों के सामने नहीं टिक पाएगी.

उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता मोदी और योगी के साथ है, इसलिए इन बदलावों से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है. और इस बार बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होगी जिससे सभी विपक्षी दल धराशायी होंगे. हालांकि, बसपा अपनी पुरानी जमीन को वापस पाने के लिए गौतम बुद्ध नगर में लगातार अपनी नई रणनीति पर काम कर रही है, और उम्मीद है कि 2022 के चुनाव में बहन मायावती व सतीश चंद्र मिश्रा से लेकर सभी बड़े कद्दावर नेता गौतम बुद्ध नगर में चुनावी जनसभा कर बसपा की खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश करेंगे.

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