उत्तर प्रदेश

कानपुर: तेज हवा के साथ लगातार बारिश से कई फसलें बर्बाद, किसानों की लागत और मेहनत पर फिरा पानी

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Kanpur News: यूपी के कानपुर देहात में किसानों की तैयार फसल पर तेज बारिश और हवा ने पूरी तरीके से पानी फेर दिया है. किसान की मेहनत और लागत दोनों का ही इस बिन मौसम बरसात ने इनको बर्बादी की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है. इस बारिश में जनपद के डेढ़ लाख हैक्टेयर में तैयार धान की फसल को पूरी तरीके से नष्ट कर दिया है.

किसानों का साफ तौर से कहना है कि इस बरसात से फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी है और फसल में मौजूद दाने पूरी तरीके से खराब हो गए हैं, जिससे फसल प्रभावित हो रही है और किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. अगर अनुमान लगाया जाए तो पूरे जनपद में लगभग 10 फ़ीसदी फसल किसानों की तैयार थी और कटी हुई खेतों में पड़ी थी लेकिन अचानक हुई बिन मौसम बरसात ने किसानों को खेत में पड़ी उस फसल को उठाने का भी मौका नहीं दिया. 

किसानों का हुआ भारी नुक्सान 

देखा जाए तो लाही सरसों और आलू की 1 दिन पहले हुई बुवाई के बाद इस बारिश ने इस फसल को भी पूरी तरीके से खराब कर दिया है. जहां किसानों की तैयार कटी हुई फसल खेतों में पड़ी थी और बारिश के बाद मुख्य फसल पूरी तरीके से बर्बाद होने के बाद किसानों की लागत भी नहीं निकल पाई, जिसके बाद कानपुर देहात के बंद पड़े साधन सहकारी समितियों से कारण किसानों को खाद भी महंगे दामों पर निजी दुकानों से खरीदनी पड़ी थी. फसल में खाद का प्रयोग किसान कर चुके थे, जिससे किसानों को कई तरीके की मार पड़ी है. बारिश और बेमौसम तेज हवाओं के चलते फसल तो बर्बाद ही हुई, साथ ही बीज और खाद की रकम भी किसानों की डूब गई. किसानों के पास इतना पैसा भी मौजूद नहीं है कि वह दोबारा वह पुनः फसल की बुवाई करा पाएं. 

कृषि अधिकारी ने दी ये बड़ी जानकारी 

जनपद के कृषि अधिकारी की बात मानें तो साफ तौर से कहना है कि इस बार 3 दिनों में हुई बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. साल 1985 में अक्टूबर के महीने में हुई बारिश ने 167 एमएम बारिश हुई थी जिसके बाद अब 2021 के अक्टूबर महीने में 127 एमएम हुई बारिश हुई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है और फसलों की बर्बादी से किसान टूट गया है. किसानों की फसल बर्बादी को लेकर सरकार की ओर से फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही टोल फ्री नंबर पर किसान अपनी फसल बर्बादी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिसके बाद विभागीय वेरिफिकेशन कर उन किसानों को उस फसल का उचित मूल्य मुहैया कराया जाएगा.

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