उत्तर प्रदेश

सांसद कैसे बनते हैं? क्या है योग्यता? कितनी होती है सैलरी? यहां है पूरी जानकारी

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भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां पर किसी विषय पर कानून बनाने का अधिकार संसद को है. संसद के तीन अंग लोकसभा, राज्यसभा और राष्ट्रपति है. लोकसभा में सदस्यों की संख्या 545 है. यह सीधे तौर पर जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं. सबसे ज्यादा लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में है. यहां से 80 सांसद निर्वाचित होते है. आज हम आपको सांसदों के चुनाव, वेतन और भत्ते के बारे में बताने जा रहे है.

सांसदों का चुनाव

संविधान के अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक संसद के बारे दिया हुआ है. लोकसभा को निम्न सदन के नाम से भी जाना जाता है. यह ब्रिटिश पार्लियामेंट पर आधारित है. लोकसभा सांसदों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा होता है.

लोकसभा सदस्यों का कार्यकाल 5 सालों का होता है. सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 होती है. जिसमें 530 सदस्य राज्यों और 20 सदस्य संघ राज्य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

प्रत्येक राज्यों में  सीटों का आवंटन राज्य की जनसंख्या के आधार पर होता है. लोकसभा में एससी और एसटी समुदाय के लिए 131 सीटें आवंटित हैं. जिसमें 84 एससी और 47 एसटी  के लिए आरक्षित है.

लोकसभा सदस्य बनने की योग्याएं

  • वह भारत का नागरिक हो.
  • उसकी न्यूनतम उम्र 25 साल हो.
  • उम्मीदवार पागल या दिवालिया न हो.
  • वह संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा रखता हो.
  • वह किसी सरकारी लाभ के पद पर न हो.

सांसदों के वेतन और भत्ते

संविधान के अनुच्छेद 106 के अनुसार सांसदों को यह अधिकार है  कि वह कानून बनाकर अपना वेतन और भत्ते तय कर सकें. भारतीय सांसदों के वेतन और भत्ते अन्य देशों के सांसदों से अलग है. जैसे भारत में सांसदों को आवास दिया जाता है जबकि ब्रिटेन में किराए पर आवास लेने के लिए भत्ता मिलता है. वहीं अमेरिका के सांसदों को ऐसा कोई भत्ता नहीं मिलता है.

साल 1985 में संसद में एक कानून बना जिसके मुताबिक सांसदों के लिए कुछ निश्चित भत्तें जैसे कार्यालयी भत्ते, आवासीय भत्तों को निर्धारित और संशोधित करने की शक्ति केंद्र सरकार को दी गई थी. 

साल 2018 मे सांसदों के वेतन के कानून में संशोधन किया गया था. संशोधन में यह प्रावधान था कि सांसदों के वेतन, भत्ते और पेंशन में हर पांच में बढ़ोत्तरी की जाएगी.

कैबिनेट मंत्रियों की सैलरी प्रतिमाह 1,00,000 रुपये  है. इसके अलावा कर्तव्य पालन के लिए प्रत्येक दिन 2000 रुपये, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 और कार्यालयी भत्ता  प्रतिमाह 60,000 रुपये है. सांसदों को रेल , पानी, बिजली, टेलिफोन, चिकित्सा समेत अन्य कई सुविधाएं मुफ्त में  मिलती है. वहीं फ्लाइट का किराए में छूट मिलती है.

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