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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर जाएंगें. यहां वह पूजा भी करेंगे. पिछले चाल सालों में ये पांचवीं बार है जब पीएम मोदी केदारनाथ धाम में होंगे. इस मौके पर आपको बताते हैं केदारनाथ मंदिर की पौराणिक कथा
केदारनाथ मंदिर का इतिहास
केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक स्थित है. केदारनाथ तीन तरफ से पहाड़ियों पहाड़ों से घिरा हुआ है. इसके अलावा केदारनाथ मंदिर पांच संगम नदियों से भी घिरा हुआ है. ये नदियों मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी हैं. हालांकि अब कुछ नदियों का अस्तित्व खत्म हो गया है.
भगवान शिव का माना जाता है निवास स्थान
स्कंद पुराण के मुताबिक केदारनाथ भगवान शिव का निवास स्थान है. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान शिव ने देवी पार्वती के सवाल का उत्तर देते हुए हुआ कहा था कि यह स्थान जितना पुराना है उतना ही मैं भी हूं. एक अन्य कथा के अनुसार यहां पर भगवान विष्णु ने नर और नारायण ऋषि के अवतार में भगवान शिव की तपस्या की थी जिसके बाद भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां रहने लगे.
जब पांडवों से नाराज हो गए थे भगवान शिव
द्वापर युग में पांडव महाभारत का युद्ध के दौरान अपने परिवार की हत्या के पाप से मुक्ति होने के लिए भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे लेकिन भगवान शिव उनसे नाराज हो गए और अंतर्ध्यान हो गए. पांडव उनके पीछे-पीछे चले आए. तब भगवान शिव ने भैंस का रूप लेकर पशुओं के झुंड में मिल गए. तब भीम लंबें होकर अपने पैर दो पहाड़ों तक फैला दिया. जिसके बाद सभी गाय-भैंसे वहां से निकल गए लेकिन भगवान शिव भीम के पैरों के नीचे जाने से मना कर दिया और भूमि में समाने लगें. तब भीम ने उन्हें पकड़ लिया. पांडवों के इन प्रयासों को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिए और उन्हें सभी पापों से मुक्त कर दिया.
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